L19/DESK : चडरी अखरा में प्राकृतिक महापर्व सरहुल एवं रामनवमी पूजा को लेकर एक विशेष बैठक रखी गई जिसकी अध्यक्षता चडरी सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा एवं संचालन चडरी सरना समिति के प्रधान महासचिव सुरेंद्र लिंडा ने किया। बैठक में चडरी ग्राम के आदिवासी एवं सदान भाईयों ने सर्व समिति से प्राकृतिक महापर्व सरहुल एवं रामनवमी पूजा को हर्षो उल्लास के साथ मनाने का निर्णय लिया गया।
इस संबंध अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि प्राकृति पर्व सरहुल पुजा की शुरूआत 10 अप्रैल दिन बुधवार को उपवास एवं केकड़ा मछली पकड़ना तथा रात्रि में जल रखाई पुजा, 11 अप्रैल दिन गुरुवार को पुजा एवं सरहुल शोभायात्रा, 12 अप्रैल दिन शुक्रवार को फुल खोंसी किया जाएगा। बबलू मुंडा ने कहा कि झारखंड राज्य अलग हुए 24 वर्ष हो गया लेकिन किसी भी सरकार ने झारखंड का प्रकृति महा पर्व सरहुल का शुद तक नहीं लिया। झारखंड आदिवासी मूलवासी के नाम से अलग जरूर हुआ लेकिन झारखंड के आदिवासी मूलवासी का तीन दिनो तक मनने वाला इतना बड़ा त्योहार में किसी भी सरकार ने राजकीय अवकाश का घोषणा तक नहीं किया। राज्य सरकार अभिलंब प्राकृति महा पर्व सरहुल पर तीन दिनो का राजकीय अवकाश का घोषणा करे।
समिति के प्रधान महासचिव सुरेंद्र लिंडा ने कहा कि प्रकृति महापर्व सरहुल पुजा में पूर्वजों द्वारा परंपरागत व्यवस्था ढंग से पुजा पाठ करें। सभी सरना धर्मा लांबियो पुरखा द्वारा दी गई अपनी परांपरागत झांडा को अपने अपने घरों में जरूर लगाएं। सरहुल शोभायात्रा में परंपरागत वेशभूषा एवं पारंपरिक वाद्य यंत्र लेकर सरहुल शोभायात्रा में शामिल हो। चडरी सरना समिति के मुख्य सलाहकार कुमोद कुमार वर्मा ने कहा कि पुरे झारखंड प्रदेश में जिस तरह सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर पर्व त्योहार मनाते है ठीक उसी तरह चडरी ग्राम के आदिवासी एवं सदान भाईयों द्वारा हर पर्व त्योहार को सभी लोग मनाते है। इस बार भी सरना सदान प्रकृति महा पर्व सरहुल मनाने के बाद रामनवमी को भी हर्षो उल्लास के साथ चडरी सरना समिति मनाएगी।
इस बैठक में मुख्य रूप से चडरी सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा, प्रधान महासचिव सुरेंद्र लिंडा, मुख्य सलाहकार कुमोद कुमार वर्मा, केंद्रीय कोषाध्यक्ष राजेश मुंडा,पुजा समिति अध्यक्ष सबलू मुंडा,सागर भगत, बिलटु पहान, गुड्डू पहान, आकाश पहान,विक्की मुंडा,बादल लिंडा,अमन दीप मुंडा, प्रेम लिंडा, मंगल मुंडा, जगेश्वर राम, रंजित मुंडा,बिरु पहान, शंकर लिंडा, पल्लू मुंडा,काली साव, संजय नायक,विनय गुप्ता,ओम वर्मा,राजू वर्मा, संजय ठाकुर, अमनदीप मुंडा, कल्लू नायक,रांजन तिर्की, संतोष वर्मा,बेबी संगा,अब्बू मुंडा आदि सैकड़ों की संख्या में चडरी ग्राम के सभी आदिवासी, सदान मूलवासि उपस्थित थे।