L19 DESK : बिहार में इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजे मंगलवार को घोषित कर दिये गये। इंटरमीडिएट के तीनों ही स्ट्रीम में लड़कियों ने बाजी मारी है। आर्ट्स में पूर्णिया से मोहादेशा और कॉमर्स में औरंगाबाद से सौम्या शर्मा व रजनीश कुमार पाठक को सबसे ज्यादा 475 नंबर (95%) मिले हैं। साइंस स्ट्रीम में खगड़िया की आयुषी नंदन टॉपर हैं। उन्हें 474 नंबर (94.8%) मिले हैं।
आइएएस अफसर बनना चाहती हैं मोहादेशा
बायसी की रहने वाली मोहादेशा उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्रा हैं। स्टेट टॉपर बनने के बाद डोहबा बारी पंचायत में उनके घर पर जश्न का माहौल है। मोहादेशा ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद थी कि अच्छा रिजल्ट आएगा। मैट्रिक में भी मैंने अच्छा किया था। उसी समय मैंने सोचा था कि आगे मुझे टॉप करना है। मेरे पिता का नाम मोहम्मद जुनैद आलम और माता का नाम राजिया बेगम है। दोनों बहुत खुश हैं।
उसने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद और अपने परिवार को समय देती थी। लेकिन जब पढ़ती थी, तब बाकी कोई काम नहीं करती थी। अच्छे मार्क्स के लिए मैंने ट्यूशन भी किया है। स्कूल से भी काफी सपोर्ट मिला है। मोहादेशा ने कहा कि उनका सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) अफसर बनने का है। बकौल मोहादेशा, “मैं जिस जगह से आती हूं वो बहुत बैकवर्ड है। यहां पर लड़किया सिर्फ मैट्रिक या इंटर तक ही पढ़ाई कर सकती हैं। मैं IAS बन कर यहां के लोगों को मैसेज देना चाहती हूं।”
CA बनने का है सपना: सौम्या शर्मा
कामर्स की टॉपर सौम्या शर्मा रफीगंज प्रखंड के जाखिम पड़रिया गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता रविन्द्र शर्मा किसान हैं जबकि मां गृहिणी हैं। चार भाई-बहनों में वह सबसे छोटी हैं। वर्तमान में वह शहर के श्रीकृष्ण नगर मुहल्ला में रहती हैं। सौम्या ने कहा कि उनका सपना था कि मेहनत कर पढ़ाई करें और अव्वल हों। अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने यह सफलता हासिल की है। इसके लिए वह बहुत खुश हैं। सौम्या ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को दिया है। सौम्या ने बताया कि वह सोशल मीडिया में एक्टिव नहीं हैं। आगे चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के लिए तैयारी करनी है।
कोचिंग के अलावा 8-9 घंटे पढ़ाई किया करती थी: आयुषी नंदन
आइएससी की टॉपर खगड़िया के मानसी प्रखंड के मटिहानी गांव की रहने वाली आयुषी नंदन बनी हैं। खगड़िया शहर के वित्तरहित आरलाल कॉलेज की छात्रा आयुषी नंदन को 94.8 प्रतिशत अंक मिले हैं। स्टेट टॉपर बनने पर आयुषी नंदन ने कहा कि वह आगे की पढ़ाई कर आइएएस बनना चाहती हैं। आयुषी ने बताया कि वह कोचिंग क्लास और 8 से 9 घंटे तक सेल्फ स्टडी करती थी। घर से दूर होने के कारण कॉलेज कम ही जाती थीं। आयुषी ने अपनी सफलता का श्रेय माता- पिता और कोचिंग के शिक्षक को दिया है। बताया कि मैट्रिक परीक्षा में भी वह बिहार में टॉप-10 में आई थी। तब उसे नौवां रैंक आया था। कहा कि माता- पिता का उन्हें हमेशा सहयोग मिलता रहा है।