l19/DESK : झारखंड में बालू एक बड़ा मुद्दा बन गया है। विपक्ष से लेकर आम जनता भी बालू की समस्या को लेकर सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। आए दिन बालू को लेकर विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिल रहा है, ऐसे में सरकार बालू की समस्या से बार बार घिरती रही है यही कारण हैं कि बालू की किल्लत से निदान दिलाने के लिए सरकार इसे मुक्त में देने के मूड में दिख रही है।लेकिन क्या सच में बालू फ्री में मिल सकता है या सिर्फ राजनीतिक हवाबाजी है?आइए समझते हैं।
यदि आप इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है.ऐसा इसलिए कहा जा रहा है,क्यूंकि बीते दिनों मानसून सत्र के तीसरे दिन CM हेमंत सोरेन ने आयकर की श्रेणी में नहीं आने वाले परिवारों के लिए फ्री बालू उपलब्ध कराने की बात कही है. हालांकि अभी सिर्फ सदन में घोषणा हुई है इसे धरातल पर कैसे लाया जाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इस वक्त राज्य में बालू की किल्लत और उसके दर में बढ़ोत्तरी से लोग परेशान हैं इसे सरकार दरकिनार नही कर सकती। यही कारण है बालू की किल्लत को लेकर हाल के दिनों में सरकार विपक्ष के निशाने पर आती रही है जहां बालू को लेकर राज्य में अनोखे अंदाज में प्रदर्शन भी हुए जिसमे लोग तराजू से तौलकर बालू बेचते नजर आए. वहीं, सदन के पटल पर भी विपक्ष ने बालू के मुद्दे पर सरकार को घेरा. यही कारण है कि सरकार ने इस मामले पर गंभीरता दिखाई और एक बड़ा ऐलान कर दिया।
गौरतलब है कि पिछले दिनों अबूआ आवास के लाभार्थियों को भी बालू न मिल पाने के कारण परेशानी झेलनी पड़ रही थी जिसे लेकर सरकार के इस निर्णय का सबों ने स्वागत किया। हालांकि बालू को लेकर पूर्व में भी किल्लत रही है, इसे लेकर सत्ताधारी दल हमेशा गोलमोल जवाब देता रहा है। वही इस मामले पर मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि सरकार पहले से भी काम करना चाहती थी, लेकिन विपक्ष कार्य करने नहीं दे रहा था। वही मंत्री दीपीका पांडे और मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी कहा कि सरकार का इस कदम से गरीब और निम्न आय वालों को फायदा होगा। वही विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये सरकार की हवाबाजी है। बीजेपी विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि हेमंत सरकार लगभग पांच साल सत्ता में गुजार चुकी है और आज तक बालू को लेकर कोई बेहतर योजना नहीं बना पाई, ऐसे में सरकार के तरफ अब ये घोषणा किसी जुमले से कम नहीं लगता।
वहीं आजसू विधायक लंबोदर महतो का कहना है कि विपक्ष के द्वारा सड़क और सदन हर तरफ बालू को लेकर आवाज उठाया गया जिसे लेकर ही सरकार ने दबाव में आकर यह घोषणा की है। ये तो रही सत्ता और विपक्ष की अपनी अपनी टीका टिप्पणी लेकिन सरकार सच में चाहे और बालू पर बेहतर नियम बनाएं तो यह संभव है की बालू आम गरीब लोगों को मुफ्त में मिल सकता है, लेकिन इस पर सरकार को हवाबाजी से ज्यादा सकारात्मक रूप से काम करनी पड़ेगी। क्योंकि प्रारंभ से ही झारखंड की जनता की मांग रही है कि क्यों ना बालू की खरीद बिक्री और धुलाई का पावर स्थानीय ग्राम सभाओं को दिया जाए अगर ऐसा होता है तो इससे बालू की कालाबाजारी और अवैध ढुलाई पर प्रतिबंध लग सकता है और उचित दामों पर लोगों को बालू मिल सकता है साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिल पाएगा।