L19 DESK : चाईबासा मरेगा घोटाले मामले पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए घोटाले की जाँच ईडी को सौंप दी है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने मंगलवार को चाईबासा जिले में हुए 28 करोड़ रुपए के मनरेगा घोटाले की CBI जांच की मांग को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। लेकिन कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा की प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी इस मामले की जांच तय समय सीमा के भीतर करे।
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को निर्देशित दिया कि मामले में दर्ज की गई अब तक की सारी एफआईआर की कॉपी ईडी को सौंपी जाए। ईडी इस मामले की जांच एक माह में पूरी करे और छानबीन के बाद अगले एक्शन की जानकारी 31 सितंबर तक कोर्ट को सुपुर्द करे। वही 31 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है।
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पक्ष रखा है। इससे पहले अदालत ने राज्य सरकार को संबंधित मामलों में दर्ज केस में चल रही छानबीन का अपडेट देने को कहा था। लेकिन राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि वर्ष 2008-2009, 2009-10, 2010 से 11 के वित्तीय वर्ष में लगभग 28 करोड़ रुपए की वित्तीय गड़बड़ी मनरेगा के तहत की गई है। मामले में चाईबासा पुलिस की ओर से 14 केस दर्ज किए जा चुके हैं।
बाद में मामले की जांच का जिम्मा पुलिस से लेकर एसीबी को दिया गया। एसीबी की जांच में भी कोई कार्रवाई नहीं नजर आई। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि धरातल पर किसी तरह का कोई काम नहीं किया गया और लोगों को अग्रिम भुगतान कर दिया गया। इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता ने साल 2013 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था। अदालत ने याचिका निष्पादित कर दी थी। याचिकाकर्ता ने फिर 2021 में एक जनहित याचिका दायर की है। अदालत ने उसी पर सुनवाई की।