L19/Ranchi : रांची के होटवार जेल में ईडी के खिलाफ चल रही साजिश का खुलासा के बाद जेलों में पदस्थापन का काम चल रहा है। इसी बीच होटवार जेल के जेल सुपरीटेंडेंट हामिद अख्तर के बदले बेसरा निशांत रॉबर्ट को पदस्थापित किया गया था। मगर अमन सिंह की हत्या के बाद निशांत रॉबर्ट का फिर से एक बार तबादला कर धनबाद मंडल कारा में जेल सुपरीटेंडेंट बनाने से संबंधित अधिसूचना जारी की गयी। हालांकि, निशांत रॉबर्ट ने राज्य सरकार के इस फैसले को ही गलत ठहराया है।
इसलिये निशांत रॉबर्ट धनबाद जेल में पदस्थापित नहीं होना चाहते
निशांत रॉबर्ट का कहना है कि होटवार में 3 हजार से ज्यादा बंदी है। इसके लिये जेल में निगरानी की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा उन्हें बंदियों से जुड़े विभिन्न मुकदमों के सिलसिले में हाई कोर्ट भी जाना पड़ता है। रांची से धनबाद काफी दूर है। और तो और धनबाद जेल काफी संवेदनशील है। विशेष परिस्थिति में धनबाद से रांची का सफर तय करने में बहुत देरी हो जायेगी। इसी के साथ निशांत रॉबर्ट ने राज्य सरकार को धनबाद जेल में किसी और को नियुक्त करने की भी सलाह दे डाली है।
बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर लगाये गंभीर आरोप
निशांत रॉबर्ट के तबादले के संबंध में बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए बाबूलाल ने कहा है,
“सुना है हेमंत जी, होटवार जेल में ईडी के केस में बंद आपके “कमाउ चेलों” को युवा संताल आदिवासी नये जेल सुपरिटेनडेन्ट राबर्ट बेसरा की सख़्ती पच नहीं रही है। पहले की तरह यह सुपरिडेंट “प्रेम की लीला” के मायाजाल में फँस नहीं रहा और इतना टाईट कर दिया है कि “सरकारी मेहमानों” को जेल में दिन में ही तारे दिखाई दे रहे हैं। हम आपको सावधान रहने की बिन मॉंगी सलाह दे रहे हैं। चेलों के दबाव में राबर्ट बेसरा को दूसरे जगह भेजवा कर उनकी जगह किसी सिंह जी को लाने की षड्यंत्रकारी योजना बन रही है ताकि आपके चेले पहले की तरह जेल से ही सरकार का नियंत्रण करते रहें और ईडी के गवाहों को होस्टाइल कराते रहें। जेल आईजी से भी चेलों को “मदद” नहीं मिल रही। सो उनकी भी विदाई का वातावरण जेल से ही बनाने का प्रयास कर रहे हैं आपके “मनी मेकर” चेले। अगर संताल समाज का कोई युवा अफ़सर क़ानून सम्मत बढ़िया काम कर रहा है तो आपको तो उसे शाबाशी देनी चाहिए। ध्यान रहे पब्लिक आपके ये सब ग़लत काम देख, सुन, समझ रही है। इसलिये अपने चेलों के षड्यंत्र का शिकार बनने की गलती फिर से करके एक नया मुसीबत मोल मत लीजिएगा। आगे आपकी मर्ज़ी।”
इस पोस्ट के तहत बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है। पोस्ट को अगर सरल शब्दों में समझायें तो इसका मतलब है कि निशांत रॉबर्ट को जानबूझकर धनबाद मंडल कारा में भेजकर किसी दूसरे को होटवार जेल में लाने की तैयारी चल रही है, ताकि हेमंत सोरेन के चेले (प्रेम प्रकाश) जेल के अंदर से ही सरकार पर कंट्रोल बनाये रखें और ईडी के गवाहों का मुंह बंद कराते रहें। निशांत रॉबर्ट, जो युवा हैं और संताल परगना क्षेत्र के आदिवासी समाज से आते हैं, उन्होंने होटवार जेल में कदम रखते ही पहले ही दिन से इतनी सख्ती बरती है कि किसी तरह की कोई गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं है। इसलिये उनका तबादला धनबाद जेल में किया जा रहा है।
निशांत रॉबर्ट पर हो सकती है ये कार्रवाई
हालांकि, इस विषय में निशांत रॉबर्ट को बड़ी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है। धनबाद जेल में योगदान देने से मना करने को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। निशांत रॉबर्ट पर राज्य सरकार के आदेश को न मानने के लिये कार्रवाई भी की जा सकती है।