L19/West bengal : मालदा जिले से दिल को झकझोर कर रख देने वाली एक घटना सामने आयी है। एक महिला पर अपने ही 18 माह के बेटे को 1.5 लाख रुपया रुपये में बेचने का आरोप लगा है। इस मामले में एक तृणमूल नेता का नाम भी जोड़ा जा रहा है। यह घटना मालदा के हरिश्चंद्रपुर थाने के पिपला गांव की है। एक तृणमूल नेता और पूर्व पंचायत सदस्य ने कथित तौर पर इस घटना को लेकर हस्तक्षेप किया। उन पर महिला के पैसे को हड़पने का आरोप लगाया गया है।
जानकारी के मुताबिक, महिला का पति एक प्रवासी श्रमिक है। जो इस वक्त वह विदेश में काम कर रहा है, फिर भी वो अपनी पत्नी को समय पर पैसे नहीं भेज पाता है। जिसके कारण महिला ने आर्थिक तंगी का शिकार हो गई उसी से निपटने के लिए उसने अपने बेटे को बेचा। महिला का कहना है कि उसके पास पैसे की काफी कमी थी। जिसके वजह से वह अपने नवजात शिशु के लिए आवश्यक भोजन भी नहीं खरीद पा रही थी। परेशान होकर उसने यह फैसला लिया।
सूचना के अनुसार, स्थानीय व्यवसायी विनोद अग्रवाल ने बच्चे को खरीदा। इसके बदले व्यवसायी ने महिला को 1.50 लाख रुपये भी सौंप दिया था। इस बात की सूचना मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। गांव में मध्यस्थता बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता बंगाल के तृणमूल नेता द्रोणाचार्य बनर्जी ने की। आरोप है कि उन्होंने नवजात शिशु को व्यवसायी से लेकर गृहिणी को लौटा दिया। लेकिन आरोप यह भी है कि द्रोणाचार्य ने महिला से डेढ़ लाख रुपये जबरन लिये।
बाद में जब गांव में मध्यस्थता बैठक हुई, तो उसने बच्चा खरीदने वाले व्यवसायी को 1.20 हजार रुपये लौटाये। लेकिन अभी उसने बाकी 30 हजार नहीं दिये। तृणमूल नेता द्रोणाचार्य ने दावा किया कि वह सिर्फ बच्चों की बिक्री रोकना चाहते थे। पैसे के बारे में कुछ नहीं जानते। साथ ही गृहिणी ने भी नवजात को बेचने की बात स्वीकार कर ली है। उसे आर्थिक तंगी के कारण ये काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।