L19 DESK : बीसीसीएल की सालों से बंद पीबी, सलानपुर, लोयाबाद भूमिगत खदान खोलने को लेकर बुधवार को समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। भारत में कोकिंग कोल का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से बीसीसीएल ने एमडीओ माडल में राजस्व साझा करने के आधार पर कोयला खदान से कोयले की खुदाई निष्कर्षण और उसके बाद कंपनी के तीन क्षेत्रों में स्थित प्राधिकरण को भेजने के लिए फिर से खुदायी, निस्तारण पुनर्वास, विकास, निर्माण और संचालन का काम दिया गया ।
कोकिंग कोल का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य
भारत में कोकिंग कोयले के उत्पादन को बढ़ाने तथा बीसीसीएल के बेहतर भविष्य को ध्यान देते हुए कंपनी ने अपनी तीन बंद पड़ी गैर-संचालित कोयला खदानों से कोयले के निष्कर्षण के लिए उन्हें फिर डिवेलप करके संचालन करने हेतु एमडीओ माडल में रेवेन्यू शेयरिंग के तहत टेंडर के बाद सफल बोलीदाताओं को बुधवार एलओए जारी किया है। कंपनी के सीएमडी समीरन दत्ता ने तकनीकी निदेशक संचालन संजय कुमार सिंह, तकनीकी निदेशक परियोजना एवं योजना उदय अनंत कावले एवं निदेशक कार्मिक मुरली कृष्ण रमैय्या की मौजूदगी में टेंडर में सफल कंपनियों के प्रतिनिधियों को स्वीकृति-पत्र दिया गया ।
9 प्रतिशत की होगी हिस्सेदारी
बीसीसीएल के कतरास क्षेत्र स्थित सालानपुर-एजीकेसी कोयला खदान के लिए 9 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी की दर पर 25 वर्षों की अवधि के लिए मैसर्स आर के ट्रांसपोर्ट कंपनी दुर्ग, छत्तीसगढ़ को स्वीकृति पत्र दिया गया। इस खदान से 1.4 मिलियन टन सालाना कोयला उत्पादन क्षमता के साथ कुल 25.70 मि. टन कोयला उत्पादन होता है ।
52 मिलियन टन कोयला का भंडार
पुटकी बलिहारी इलाके के पीबी प्रोजेक्ट कोलियरी के लिए सफल बोलीदाता मैसर्स ईगल इंफ्रा इंडिया लिमिटेड को 25 सालों के लिए 6 प्रतिशत रेवेन्यू शेयर की दर पर एलओए जारी किया गया। इस परियोजना से 2.7 मिलियन टन सालाना क्षमता के साथ 25 साल की निर्धारित अवधि में कुल 52 मिलियन टन कोकिंग कोयले का उत्पादन किया जाएगा ।
28.485 मिलियन टन का होगा उत्पादन
इसी तरह, मैसर्स वेंसर कंस्ट्रक्शन्स कंपनी लिमिटेड को सिजुआ क्षेत्र में लोयाबाद खदान के लिए 25 साल के लिए 7.29 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी की दर पर स्वीकृति-पत्र दिया गया। इस खदान से 25 सालों में कुल 28.485 मिलियन टन का उत्पादन किया जाएगा और इसकी सालाना उत्पादन क्षमता लगभग 1.28 मि. टन होगी।
दत्ता ने कहा कि बीसीसीएल कोकिंग कोल के उत्पादन में देश की अग्रणी कंपनी है और पिछले पांच दशकों से राष्ट्र की सेवा करने तथा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में योगदान करने के लिए हमें इस पर गर्व है। बीसीसीएल का भविष्य अत्यंत उज्जवल है। आने वाले समय में एक नया बीसीसीएल नजर आएगा ।