L19 DESK : विधायक फंड की राशि की एकमुश्त निकासी ग्रामीण विकास विभाग ने कर ली है। राज्य सरकार ने 753 करोड़ से अधिक के डीसी बिल लंबित रहने के बाद भी नियमों को शिथिल करते हुए विधायक फंड की एकमुश्त निकासी के आदेश दिये। वह भी वित्तीय वर्ष 2022-23 की समाप्ति के दो दिन पहले। सरकार का कहना है कि जनहित में यह फैसला लिया गया है
29 मार्च को ग्रामीण विकास विभाग ने शर्तों के साथ संकल्प जारी कर किया था। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रावधानित 410 करोड़ की ही निकासी 29 मार्च तक की जा सकी थी। इसके अलावा बची हुई राशि को 31 मार्च तक निकाल लिया गया। राज्य के 81 विधानसभा सदस्य और एक मनोनित विधायक को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में विकास कार्य के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये दिये जाते हैं। विधायकों की अनुशंसा से विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य किए जाते हैं।
झारखंड सरकार के वित्त विभाग द्वारा प्रस्ताव पर इस शर्त के साथ सहमति दी गई है कि लंबित डीसी विपत्र की कुल राशि 753.51 करोड़ रुपए में से वित्तीय वर्ष 2021-22 तक निकासी की गई राशि को चिह्नित करते हुए उक्त राशि के लंबित डीसी विपत्र का शत-प्रतिशत समयोजन दिसंबर 2023 तक पूरा कर लेने का आदेश दिया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में निकासी की राशि का न्यूनतम 66 प्रतिशत डीसी बिल का समायोजन भी दिसंबर तक करने को कहा गया है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी इसी तरह डीसी बिल लंबित रहने के बावजूद एमएलए फंड की राशि की निकासी ट्रेजरी से करने का आदेश दिया गया था। सरकार ने पिछले वर्ष भी कहा था। कि डीसी बिल का हिसाब नहीं देने से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एफआईआर की भी चेतावनी दी गयी थी। लेकिन स्थिति यह है कि अब भी 753 करोड़ से अधिक की राशि का हिसाब नहीं मिला है।