L19/Ramgarh : झारखंड में देश का 40% से ज्यादा खनिज सम्पदा स्थित है, जितनी ज्यादा खनिज सम्पदा उतनी ही ज्यादा परेशानी भी यहाँ के लोगों को झेलनी पड़ती है, उसी का जीता जागता उदाहरण हजारीबाग जिले के उरिमारी गाँव के आम जनता को झेलनी पड़ रही है। इसी सिलसिले में बीते दिनों हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत उरीमारी गांव में बिरसा परियोजना एवं सीसीएल परियोजना से विस्थापित ग्रामीणों ने सीसीएल के विरुद्ध एक ग्राम सभा का आयोजन किया।
बताते चले कि उरीमारी में बिरसा परियोजना एवं सीसीएल परियोजना से विस्थापित ग्रामीणों ने सीसीएल अधिकारियों के बीच अपनी कुछ मांगे भी रखी है। ग्रामीणों ने बताया कि उरिमारी में रेलवे साइडिंग और सीसीएल साईलो में 40,50 फिट नीचे मिटटी खुदाई कई गई है,जहाँ से गाँव में प्रदुषण फैलने की आशंका है। इसी को लेकर ग्रामीण एकजुट होकर सीसीएल के खिलाफ बिगत कई महीनों से आन्दोलन करते आ रहे है।
इस संबंध में बैठक में उपस्थित महिलाओं ने कहा कि इस इलाके में दिनों दिन प्रदुषण की समस्या बढ़ती जा रही है, जिस पर सीसीएल प्रबंधन मौन है अगर यही रवैया रहा तो आने वाले दिनों में ग्रामीण उग्र होकर आंदोलन करेंगे। उक्त बैठक के बाद ग्रामीणों ने एक ज्ञापन भी सीसीएल प्रबंधन को सौपा।।
ग्रामीणों ने बैठक के माध्यम से सीसीएल प्रबंधन के सामने निम्नलिखित मांगों को रखा और जल्द से जल्द इस मामले को निपटारे का निवेदन किया-
- रेलवे साइडिंग एवं सीसीएल साइलो से पूरा गांव प्रदूषित होगा गांव को प्रदूषण मुक्त रखने की व्यवस्था दिया जाए. उरीमारी बस्ती के पक्की सड़क को सीएचपी साइलो के निर्माण कार्य के लिए काटा गया है आने जाने के लिए सड़क का निर्माण किया जाए। रेलवे साइडिंग से साइलो तक रेल लाइन बिछाने के लिए जमीन से 40 50 फीट नीचे खुदाई हुई है जिसके कारण गांव के सभी कुआं का जलस्तर नीचे चला गया है,पीने के पानी के लिए कुआं या स्थाई डीप बोरिंग कर पाइप लाइन के द्वारा पानी उपलब्ध कराया जाए।
2. रेलवे साइडिंग एवं सीएचपी साइलो के चालू होने से पहले विस्थापित बेरोजगार लोगों के लिए रोजगार की गारंटी सुनिश्चित किया जाए। 33 हजार वोल्ट का बिजली लाइन घर के ऊपर से गुजर रहा है इसे दूसरे तरफ से ले जाया जाए।
3. विस्थापित गांव उरीमारी को ईटा के चारदीवारी से घेरा जाए।
4. उरीमारी बस्ती में एक तालाब का निर्माण किया जाए।
5. बकाया जमीन के बदले नौकरी तथा मुआवजा दिया जाए।
6. गैरमजरूआ जमीन का सत्यापन करा कर नौकरी तथा मुआवजा दिया जाए।
इधर जैसे ही यह मामला सीसीएल प्रबंधन तक पहुची तुरंत ग्रामीण और सीसीएल अधिकारियों के बीच वार्ता हुई,जिसमे प्रंबधन ने उपरोक्त सभी मांगो को जल्द से जल्द लागु करने के लिए राजी हो गए हैं। प्रबंधन ने ग्ग्रमिनों की हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया है. सडक, नाली और गाँव की सभी मूलभूत सुविधाएँ देने का वादा किया है।
उरिमारी में आयोजित इस आम ग्रामसभा की अध्यक्षता राजू पाओरिया, और बैठक का संचालन महादेव हाँसदा ने किया। इसके अलावा गाँव के प्राणिक कालेश्वर सोरेन, संजय टुडू, बसंत सोरेन,विजय हाँसदा, महादेव बेसरा, कार्तिक मांझी, चंद्रजीत टूडू, मोहन मांझी इसके अलावा कई महिलाएं उपस्थित रही।