L19 DESK : वेस्ट बैंड गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (कपड़ा फैक्ट्री) के मालिक पर कर्मचारियों ने प्रॉविडेंट फंड और ईएसआई के पैसे का गबन करने और मानदेय का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है। फैक्ट्री के 200 कर्मचारियों ने ओरमांझी थाना में मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। कर्मचारियों ने लिखित आवेदन में कहा है कि कंपनी के मालिक रितेश सिंह और कमल पारीक ने दो साल पहले तक उनका पीएफ और ईएसआई का अंशदान वेतन से काटा, लेकिन उसे जमा नहीं करवाया। वेस्ट बैंड गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों ने बताया कि जब भी वे मालिक रितेश सिंह और कमल पारीक से बात करने की बात कहते, रांची स्थित इस कंपनी के मैनेजर राजीव रंजन उनसे कहते कि अगले महीने पीएफ और ईएसआई दोनों का पैसा जमा करवा दिया जाएगा। इसी तरह कंपनी के दोनों मालिक और मैनेजर ने मिलकर कामगारों को अंधेरे में रखा।
पूरा मामला
28 अगस्त 2023 को मैनेजर राजीव रंजन और मानव संसाधन विभाग (एचआर) के अधिकारी सबा परवीण ने सभी कर्मचारियों को एक सप्ताह की छुट्टी दे दी। कहा कि रक्षा बंधन है, इसलिए एक सप्ताह तक सभी लोग छुट्टी पर रहेंगे। 4 सितंबर 2023 को कर्मचारी काम करने के लिए कंपनी पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि एक सप्ताह की और छुट्टी दी जा रही है। कामगारों ने जब यह पता करना शुरू किया कि अब कंपनी कब खुलेगी, तो उन्हें मालूम हुआ कि अब कंपनी कभी नहीं खुलेगी।
वेस्ट बैंड गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बंद हो गई है। यह सुनते ही कंपनी के कर्मचारियों के होश उड़ गए। वे लोग तत्काल मैनेजर राजीव रंजन के पास पहुंचे। राजीव ने उन्हें बताया कि कंपनी बंद हो गई है। उसने यह भी कहा कि वह तीन महीने पहले ही इस्तीफा दे चुका है। इसके बाद कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों ने कानून की शरण में जाना ही उचित समझापब इसके बाद करीब 200 कर्मचारी आज ओरमांझी थाना पहुंचे और थाना प्रभारी से लिखित शिकायत कीपब उन्होंने अपील की है कि पुलिस उनकी मदद करे और उनका बकाया वेतन और पीएफ व ईएसआई मद में जो पैसे उन्होंने जमा करवाए थे, उन्हें दिलाने की व्यवस्था करें। इस बीच, कंपनी के मालिक रितेश सिंह और कमल पारीक से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
ओरमांझी के थाना प्रभारी ने बताया की कंपनी के कर्मचारियों की ओर से एक लिखित शिकायत मिली है। पुलिस इस पर कार्रवाई करेगी। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि 13 सितंबर को मालिक के साथ उनकी वार्ता कराई जाएगी। इसके बाद कर्मचारी अपने-अपने घर चले गए।