L19 DESK : नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल कल रांची पहुंचे। उन्होंने कल सीएम हेमंत सोरेन के साथ बैठक की। इस दौरान झारखंड के चहुंमुखी विकास को लेकर चर्चा की। बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- संघीय ढांचे की मजबूती के लिए जरूरी है कि केंद्र और राज्यों का सर्वांगीण विकास हो। केंद्र और राज्य सरकारें एक-दूसरे को सहयोग करें, तभी विकास के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, उसे हासिल किया जा सकता है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि इस बैठक में पुराने और लंबित विषयों पर चर्चा हुई है और उसका हल भी निकाला। इसके साथ कई नए मुद्दों को भी रखा गया, जिस पर नीति आयोग की ओर से सकारात्मक पहल करने का विश्वास दिलाया। नीति आयोग के समक्ष झारखंड सरकार के द्वारा जो भी मामले रखे गए हैं, वे भारत सरकार तक पहुंचेगी और राज्य के हित में नीति निर्धारित होगी, ऐसी उम्मीद है।
पिछड़े राज्यों के लिए विशेष कार्य करने की जरूरत
सीएम हेमंत ने कहा कि विकास की दौड़ में कई राज्य आगे बढ़ गए हैं और कुछ राज्य अभी भी पिछे है। इसमें हमारा राज्य भी शामिल है। ऐसे में झारखंड कैसे विकास की राह में आगे बढ़ें, इसके लिए विशेष कार्य करने की आवश्यकता है और इसमें सभी को साथ लेकर चलना होगा।
संसाधनों का हो बेहतर उपयोग
हेमत सोरेन ने कहा कि हमें संसाधन तो मिल रहे हैं, लेकिन उसका उपयोग ऐसी जगह हो रहा है, जिससे उसका जितना फायदा होना चाहिए, वह नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में संसाधनों की बेहतर उपयोगिता के लिए केंद्र और राज्य को मिलकर काम करना होगा, तभी हम विकसित देश और विकसित राज्य बना पाएंगे तथा जनता उसका बेहतर सदुपयोग कर पाएगी।
मंत्रालयों के इन मुद्दों पर हुई विषयों चर्चा
नीति आयोग की इस बैठक में कोयला मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय और महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय से जुड़े मुद्दों पर खास चर्चा हुई।
सीएम ने कोयला मंत्रालय से जुड़े मामलों में कोल कंपनियों द्वारा जमीन अधिग्रहण के एवज में मुआवजा और कोयले पर झारखंड सरकार को मिलने वाली रॉयल्टी से जुड़े मुद्दे को विशेष रूप से रखा गया। हेमंत सोरेन ने कहा कि विभिन्न कोयला कंपनियों की जमीन अधिग्रहण को लेकर लगभग 80 हज़ार करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाना है, लेकिन मात्र 2532 करोड़ रुपए झारखंड सरकार और रैयतों को मुआवजा दिया गया है।
आगे उन्होंने कहा कि कोल कंपनियां जो भी जमीन अधिग्रहित करती है, उसका मुआवजा मिलना चाहिए। भले ही उस पर खनन कार्य शुरू नहीं हुआ हो। इस पर कोयला मंत्रालय की ओर से पक्ष रखा गया। वहीं, नीति आयोग के सहयोग से यह सहमति बनी कि कोल कंपनियां कितना जमीन अधिग्रहित कर चुकी है। और कितना मुआवजा वितरित किया गया है, इसकी पूरी रिपोर्ट जल्द देगी। मुख्यमंत्री ने कोयला पर मिलने वाली रॉयल्टी बढ़ाने की मांग रखी और कहा कि झारखंड सरकार को ज्यादा से ज्यादा कोल रॉयल्टी मिलनी चाहिए।
वही झारखंड में खनन कर रहीं कोल कंपनियां जब तक किसी कोल माइंस में पूरी तरह उत्पादन बंद करने का सर्टिफिकेट नहीं देती हैं, तब तक नई जगह पर वह कोल खनन नहीं करे। मुख्यमंत्री ने कोयला खदानों में लगी भूमिगत आग के मुद्दे को भी रखा।
झारखंड सरकार को एफसीआई से मिले अनाज
सीएम ने फूड सिक्योरिटी को लेकर कहा कि केंद्र द्वारा लाभुकों का जितना कोटा तय है, उससे कहीं अधिक लाभुकों को राशन की जरूरत है। इसलिए झारखंड सरकार ने अपने स्तर पर राशन कार्ड जारी किए हैं। लेकिन, झारखंड सरकार के राशन कार्ड धारियों के लिए अनाज सरकार को बाजार से खरीदना पड़ता है। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा अनाज उपलब्ध नहीं कराया जाता है। ऐसे में नीति आयोग भारत सरकार के पास राज्य की इस मांग को रखे कि झारखंड सरकार के राशन कार्ड धारियों के लिए भी झारखंड सरकार को एफसीआई से अनाज उपलब्ध हो सके।
मेडिकल कॉलेजों से जुड़े मुद्दे पर हुई चर्चा
झारखंड में स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज से संबंधित बातें सीएम ने नीति आयोग के समक्ष रखीं। उन्होंने कहा कि झारखंड में मेडिकल कॉलेज के लिए ऐसी जगहों को चिन्हित किया गया है, जहां उसकी उपयोगिता उतनी नहीं है। अगर केंद्र सरकार मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की दिशा में निर्णय ले रही है, तो उसमें झारखंड सरकार की भी सलाह ली जानी चाहिये।
एक्सप्रेस रोड से जुड़े प्रस्ताव पर जल्द मिले स्वीकृति
झारखंड सरकार की तरफ से नीति आयोग को अवगत कराया गया कि राज्य में साहिबगंज से रांची तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस बनाया जाना है। इसकी लागत लगभग 9 हज़ार करोड़ रुपए है। इसके अलावा झारखंड में 8 नए कोरिडोर भी बनाए जाएंगे, जिसकी लंबाई लगभग 16 सौ किलोमीटर होगी। यह झारखंड के जिलों को जोड़ने के साथ दूसरे राज्यों को भी जोड़ेगी। झारखंड सरकार की ओर से ये दोनों प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए हैं। इस पर जल्द स्वीकृति मिले।
नीति आयोग ने की राज्य सरकार के कार्यों की सराहना
नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद कुमार पॉल ने कहा कि नीति आयोग भारत सरकार और झारखंड सरकार के बीच सेतु का कार्य करती है। झारखंड विकास के पथ पर तेजी से कैसे आगे बढ़े, इस दिशा में केंद्र से जो भी सहयोग की जरूरत होगी, नीति आयोग उसे पूरा करने की दिशा में पहल करेगा। डॉ पॉल ने कहा कि आज की बैठक काफी सार्थक रही है और उसके सार्थक परिणाम आएंगे।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, पशुपालन, मत्स्य पालन, दुग्ध उत्पादन और रागी उत्पादन के फील्ड में में काफी बेहतर कार्य कर रही है। उन्होंने झारखंड सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इसका निश्चित तौर पर फायदा यहां के लोगों को और देश को भी मिलेगा।
इस मौके पर नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल, वरीय सलाहकार नीरज सिन्हा, सलाहकार नीलम पटेल, डॉ अमृत कॉल पॉल, डॉ अशोक ए. डॉ थ्यागराजू, सुमन सौरभ, नमन अग्रवाल और राज्य सरकार में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव एल खियांगते, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव सुनील कुमार, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव अबू बकर सिद्दीक, सचिव प्रशांत कुमार, सचिव के झा, सचिव विभ्रा, सचिव चंद्रशेखर और वन विभाग के संजय श्रीवास्तव उपस्थित थे।