L19 DESK : झारखंड मुक्ति मोरचा के लोकप्रिय नेता रहे जगरनाथ महतो की राजनीतिक विरासत को कौन संभालेगा, इसको लेकर अभी से मरमरिंग शुरू हो गयी है। चार भाईयों में जगरनाथ महतो सबसे बड़े थे। इनका गुरुवार को निधन हो गया, जो परिवार वालों के लिए काफी चौंकानेवाला और राज्यवासियों के लिए हतप्रभ करनेवाला था। इनके भाई वासुदेव महतो का निधन कोरना काल में हो गया था, वह तारमी पंचायत के मुखिया हैं। चौथे भाई गणेश महतो की हत्या हो गयी थी। एक भाई आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
खुद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की चार बेटियां और एक बेटा अखिलेश कुमार उर्फ राजू है। चारों बेटियां ब्याही जा चुकी हैं। राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा है कि चुनाव लड़ने की उम्र अखिलेश की अभी नहीं है। ऐसे में डुमरी विधानसभा चुनाव के लिए होनेवाले उप चुनाव में झारखंड मुक्ति मोरचा की तरफ से स्वर्गीय जगरनाथ महतो की पत्नी को टिकट दिया जा सकता है। हालांकि इस संबंध में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि उप चुनाव की घोषणा निर्वाचन आयोग को छह माह के अंदर करनी होगी। उसके बाद झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को इस बाबत निर्णय लेना होगा।
वैसे भी पूर्व मंत्री रहे हाजी हुसैन अंसारी के निधन पर उनके बेटे हफीजुल हसन अंसारी को पहले मंत्री बनाया गया, बाद में मधुपुर विधानसभा से झामुमो की टिकट से उन्होंने चुनाव जीता। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि स्वर्गीय जगरनाथ महतो के सिलसिले में भी पार्टी ऐसा ही कुछ निर्णय लेगी। जगरनाथ महतो 2014 में झामुमो से चुनाव लड़े और भाजपा के लालचंद महतो को परास्त किया था। 2019 में आजसू की यशोदा देवी को हरा कर जगरनाथ महतो झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बने थे और उन्हें स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग मिला।