L19 DESK : झारखंड में उत्पाद विभाग क्या दोहरी नीति पर चल रही है। राज्य में नयी उत्पाद नीति 2022 लागू होने के बाद 1580 से अधिक शराब की दुकानों के संचालन को लेकर प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन किया गया था। इसके लिए झारखंड राज्य बीभरेज कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से चयनीत कंपनियों के साथ तीन साल का समझौता किया गया है। समझौते के तहत दुकानों के संचालन से लेकर रेवेन्यू की वसूली तक का जिम्मा प्लेसमेंट एजेंसियों को दिया गया था।
अब वित्तीय वर्ष 2022-23 की समाप्ति का समय आ गया है। उत्पाद विभाग की तरफ से नवंबर 2022 से ही नये प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन को लेकर विज्ञापन निकाले जा रहे हैं। अब तक दो बार सरकार की तरफ से प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन को लेकर विज्ञापन निकाले गये, पर कोई कंपनी सरकार की शर्तों के आधार पर टर्न अप नहीं हो रही हैं। कंपनियों का मानना है कि झारखंड सरकार की पालिसी स्पष्ट नहीं है।
सरकार की तरफ से रेवेन्यू वसूली की भरपायी नहीं होने पर प्लेसमेंट एजेंसियों के जमा किये गये बैंक गारंटी को ही फोरफिट कर लिया जा रहा है। ऐसे में झारखंड में शराब के कारोबार में काफी अनिश्चितता बनी हुई है। इतना ही नहीं प्लेसमेंट एजेंसियों को झारखंड स्टेट बीभरेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) की तरफ से दिसंबर 2022 से लेकर मार्च 2023 ) यानी चार महीने का बिक्री का पैसा तो ले लिया गया, पर कंपनियों को समझौते के तहत पेमेंट नहीं किया गया।
उदाहरण के तौर पर राज्य में सुमीत फैसिलिटीज, इगल हंटर, ए2जेड इंफ्रा सर्विसेज लिमिटेड, जीडीएक्स फैसिलिटिज समेत पांच कंपनियां काम कर रही हैं। इनके द्वारा सरकार को बैंक गारंटी भी जमा कराया गया है. सरकार की तरफ से सुमीत फैसिलिटीज, इगल हंटर और एटूजेड इंफ्रा सर्विसेज लिमिटेड का बीजी भी अक्तूबर 2022 से लेकर नवंबर 2022 तक काटा गया। ए2जेड इंफ्रा सर्विसेज का 9 करोड़ रुपये का बैंक गारंटी अभी भी सरकार के खाते में जमा है।
ऐसे में झारखंड शराब व्यवसायी संघ की ओर से बार-बार यह कहना की कंपनियां बगैर बैंक गारंटी के ही काम कर रही हैं, इसे देखने का काम विभाग का है। बाजार में जो बातें सामने आ रही हैं कि कंपनियों ने बैंक गारंटी जमा नहीं किया है, इस बारे में तो विभाग के अधिकारी ही सच्चाई बता सकते हैं। काफी हो हल्ला के बाद भी प्लेसमेंट एजेंसियों ने सरकार के खाते में दो हजार करोड़ से अधिक का रेवेन्यू चालू वित्तीय वर्ष में वसूल कर दिया।
जेएसबीसीएल ने पूर्वी सिंहभूम के जोन-2 के 110 दुकानों, गुमला, खूंटी, लोहरदगा और खूंटी के जोन-5 की 76 दुकानें, सरायकेला-खरसांवां, पश्चिमी सिंहभूम के 124 दुकानों के लिए 16.55 करोड़ से अधिक की लागत वाली निविदा निकाली है। इसके लिए 11.28 करोड़ रुपये का बैंक गारंटी (रेवेन्यू एमजीआर) के रूप में मांगा गया है।
इसके पहले 16 मार्च को रांची के 180, पूर्वी सिंहभूम के 110, धनबाद के 140, गिरिडीह औऱ देवघर के 190 तथा सरायकेला-खरसांवां के 124 दुकानों के लिए प्लेसमेंट एजेंसियों से आवेदन मंगाये गये थे। 744 दुकानों के लिए निविदा की अग्रधन राशि 40 करोड़ रुपये रखी गयी थी, जिसमें 27.21 करोड़ रुपये का बैंक गारंटी जमा करने को कहा गया था. इसके अलावा 1.18 करोड़ रुपये का अर्नेस्ट मनी जमा करने को कहा गया था। इस निविदा में किसी कंपनी ने दिलचस्पी नहीं दिखलायी।
16 फरवरी 2023 को भी जेएसबीसीएल की ओर से 1564 रीटेल शराब दुकानों के लिए अंचलवार निविदा आमंत्रित की गयी थी। इसमें अर्नेस्ट मनी का कैलकुलेशन 83.11 करोड़ किया गया था और 48 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करने की जेएसबीसीएल ने शर्तें रखीं थीं। इस निविदा को भी सरकार ने फिर से आगे बढ़ाया। मार्च में दो बार फिर प्लेसमेंट एजेंसी के लिए निविदा निकाली गयी, जिसमें 1564 दुकानों को पार्ट-पार्ट किया गया। यहां गौर करनेवाली बात यह है कि सरकार की कठिन शर्तों से प्लेसमेंट एजेंसियां निविदा में दिलचस्पी नहीं ले रही हैं