L19 : विधानसभा के बजट सत्र को संबोधित करने के लिए राज्यपाल ने सभा कक्ष में प्रवेश किया । उन्होंने आसन ग्रहण किया और फिर राष्ट्रगान शुरु हुआ । राष्ट्रगान के सम्मान में राज्यपाल, सीएम, स्पीकर सहित सभी मंत्री विधायक और आला अधिकारी अपनी-अपनी जगह पर खड़े हो गए ।
लेकिन इस दौरान ऑफिसर गैलरी में कुछ अधिकारी राष्ट्रगान के समय खड़े नहीं हुए । इस बात को राज्यपाल के अभिभाषण से पहले बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने सवाल उठाया और अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की ।
ऑफिसर गैलेरी सभा का हिस्सा नहीं
राज्य के एक वरीय आईएएस अधिकारी ने इस बात पर जवाब देते हुए कहा की ऑफिसर गैलेरी कभी भी सभा का हिस्सा नहीं हो सकता है । सिर्फ चयनित विधायक और राज्यपाल ही कानूनी रूप से सभा के अंदर जा सकते हैं ।
महाघिवक्ता को सभा के स्पीकर की तरफ से सदन में बुलाया जा सकता है । मीडिया, अधिकारी और विजिटर्स गैलेरी अलग होता है । ये सभी सदन की कार्यवाही को चलते हुए सिर्फ देख सकते हैं । उसका हिस्सा कभी नहीं हो सकते ।
वहीं एक और अधिकारी ने कहा की कोई भी अधिकारी सदन में बिना किसी अनुमति के प्रवेश कर जाए तो रोजाना के हिसाब से पांच सौ रुपये जुर्माना लगता है । ऑफिसर गैलरी सदन का हिस्सा नहीं होता हैऐसे में हमे वहां राष्ट्रगान के वक्त खड़े होना जरूरी नहीं है.
अधिकारी कह रहे हैं बिलकुल सहीः नामधारी
झारखंड विधानसभा के स्पीकर रह चुके इंदर सिंह नामधारी ने इस मामले पर साफ तौर पर कहा की वहां जो भी सरकारी अधिकारी बैठते हैं, वो सदन को सहायता देने के लिए बैठते हैं । सदन में अगर राष्ट्रगान चल रहा है तो अधिकारियों को उठना जरूरी नहीं है ।