L19/DESK : शनिवार 28 अक्टूबर की रात 1. 45 मिनट पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2.24 मिनट पर होगा। गुरुवार को इसे लेकर साकची स्थित आनंदेश्वर शिव मंदिर के प्रांगण में पौरोहित्य महासंघ की बैठक हुई जिसमें शहर के विभिन्न स्थानों से आचार्य उपस्थित हुए।
पं. सुधीर कुमार झा, पं. दिलीप पांडेय, पं. गंगा ओझा, पं. मनोहर मिश्र, पं. रविकांत पांडेय, पं. मुन्ना पांडेय, पं. अजीत पांडेय, पं. सत्येंद्र पांडेय, पं. संतोष मिश्रा, पं. एसके झा, पं. अमित शर्मा, पं. प्रेम झा, पं. विपिन झा, पं. दीपक शास्त्री, पं. अभिजित बनर्जी एवं अन्य आचार्य भी उपस्थित थे।
इस ग्रहण के दौरान कुछ खास सावधानियां बरतने के विषय पर भी चर्चा हुई। यह ग्रहण भारत के अतिरिक्त पश्चिमी व दक्षिण प्रशांत महासागर, आस्ट्रेलिया, एशिया, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी भाग, उत्तर अमेरिका के उत्तर व पूर्वी भाग, अटलांटिक महासागर तथा हिंद महासागर में दिखाई देगा।
रात्रि 1.05 बजे से लग जाएगा ग्रहण
आचार्यों ने खंडग्रास चंद्रग्रहण पर मंथन किया। अध्यक्ष पं. विपिन कुमार झा ने कहा कि शनिवार को आश्विन शुक्ल पूर्णिमा को चंद्रग्रहण भारत में दृश्य होगा। भारतीय मानक समयानुसार ग्रहण का स्पर्श प्रारंभ रात्रि 1.05 बजे आरंभ होगा, जबकि ग्रहण का सूतक नौ घंटा पूर्व यानि सायं 4.05 बजे से प्रारंभ हो जाएगा। ग्रहण का मध्य रात्रि 1. 45 मिनट और मोक्ष रात्रि 2.24 बजे होगा। ग्रहण का स्पर्श, मध्य व मोक्ष तीनों भारत में दिखाई देगा।
ग्रहण के दौरान ना करे ये गलतिया
ग्रहण काल में पूजन व भोजन नहीं करना चाहिए। बीमार व बुजुर्ग के अलावा गभर्वती महिलाओं को आंगन या छत पर जाना वर्जित किया गया है।