L19 DESK : समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग पर आज सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई। पांच जजों की खंडपीठ में मामले की होगी सुनवाई । इधर केंद्र सरकार ने मामले से जुड़ी याचिकाओं की योग्यता पर सवाल उठाते हुए इसे खारिज करने की मांग की है। केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जर्नल तुषार मेहतो ने सोमवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने याचिकाओं का उल्लेख करते हुए मुख्य मामले पर विचार से पूर्व इसमे उठाई गई आपत्तियों और प्रारम्भिक मुद्दों पर सुनवाई करने के लिए निवेदन किया, जिस पर अदालत ने कहा इस मामले पर विचार करेंगे ।
जिन पांच जजों की बेंच मंगलवार को मामले में सुनवाई करेगी, उसमे मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, एस.के. कौल,पीएस नरसिम्हा, रवींद्र भट और हिमा कोहली शामिल है । तीन जजाओ की खंडपीठ ने 13 मार्च को मामले को महत्वपूर्ण बताते हुए सविधान ने बेंच को विचार करने के लिए भेज दिया है। इधर दिल्ली बाल अधिकार सरंक्षण आयोग ने यह कहते हुए याचिका का समर्थन किया कि समलैंगिक परिवार इकाइयां सामान्य है और सरकार को ऐसी परिवार इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाने में हस्तक्षेप करना चाहिए। बाल अधिकार निकाय ने तर्क दिया कि कई अध्ययनों में ये पता चला कि समान लिंग वाले जोड़े अच्छे माता- पिता हो सकते है ।
वही अखिल भारतीय संत समाज, जमीयत उलमा-ए हिंद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस ने भी समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने से विरोध जताया है । जमीयत ने इसे पारिस्थितिक तंत्र के लिए खतरा बताते हुई कहा कि हिन्दुओं में विवाह का उद्देश्य केवल शारीरिक सुख या संतानोपत्ति नही, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति है । यह हिंदुओं के 16 संस्कारों में से एक है ।