L19 Desk : राजधानी रांची में अवैध और फरजी दस्तावेज बना कर जमीन की खरीद-बिक्री करनेवाले गिरोह के सरगना अफसर अली ऊर्फ अब्सू खान को अब जमानत चाहिए। अफसर अली राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान रिम्स का रेडियोग्राफर था। सेना के कब्जेवाली बरियातू रोड की जमीन, चेशायर होम रोड में रैयती जमीन की अवैध तरीके से रजिस्ट्री कराने से लेकर तीन दर्जन से अधिक भूखंडों के फरजी कागजात तैयार करनेवाले अफसर अली को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की हिरासत रास नहीं आ रही है। जिस तरह अफसर अली की बड़गाई अंचल, रांची शहर अंचल, उपायुक्त का कार्यालय तथा अन्य जगहों पर तूती चलती थी, उस पर उसके गिरफ्तार होने के बाद से अंकुश लग गयी है। अफसर अली की जमानत अर्जी पर ED की विशेष अदालत में 31 जुलाई को सुनवाई होगी। बुधवार को अफसर अली की जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी थी, लेकिन अदालत के अवकाश पर रहने के कारण सुनवाई नहीं हुई।
राँची के सबसे बड़े भूमि घोटाले की जांच में इडी की टीम
बता दें कि रांची में हुए अब तक के सबसे बड़े भूमि घोटाले की जांच में इडी की टीम ने कारोबारी अमित अग्रवाल, जगतबंधू टी इस्टेट के मालिक दिलीप घोष, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़ागाईं अंचल के हल्का कर्मचारी भानु प्रताप, कथित रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान और मोहम्मद सद्दाम, भरत प्रसाद (डीड राइटर), फरजी विक्रेता राजेश राय को गिरफ्तार कर चुकी है। अफसर अली से पहले अमित अग्रवाल और दिलीप घोष ने भी जमानत याचिका दाखिल की थी. लेकिन दोनों को बेल देने से इडी कोर्ट इनकार कर चुका है। मामले पर रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन ने भी इडी के पीएमएलए कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट में जमानत को लेकर याचिका दायर कर रखी है।