L19 DESK : राहुल गांधी को मोदी सरनेम केस में बड़ी राहत मिली है। बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में सुनवाई की। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट दी। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब राहुल गांधी की जगह उनके अधिवक्ता निचली अदालत में पेश होंगे। राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता दीपांकर ने पैरवी की।
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एमपी एमएलए कोर्ट की ओर से अदालत में पेश होने के आदेश को अदालत में चुनौती दी थी। कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने राहुल की याचिका को स्वीकार कर लिया। हाईकोर्ट ने निचली अदालत में राहुल को व्यक्तिगत पेशी से छूट प्रदान की। अब हाईकोर्ट के ताजा फैसले के बाद निचली अदालत में राहुल की जगह उनके अधिवक्ता पेश होंगे। हालांकि अदालत ने राहुल पर कुछ शर्तें भी लगाई।
अदालत ने शर्तों के आधार पर दी गई छूट में कहा- राहुल गांधी अपनी पहचान नहीं छुपाएंगे। यदि उनकी गैरमौजूदगी में कोई गवाह एग्जामिन होता है तो उस पर भी सवाल नहीं उठाएंगे। मालूम हो कि रांची के एमपी/एमएलए कोर्ट ने बीते 3 मई को राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट संबंधित सीआरपीसी की धारा-205 के तहत दायर याचिका को खारिज कर दिया था। राहुल गांधी ने निचली अदालत में भी पेशी से छूट दिए जाने की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल किया था। इस याचिका में राहुल ने कहा था कि मामले में कार्यवाही के दौरान उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट देते हुए उनके अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होने की अनुमति प्रदान की जाए। एमपी/एमएलए कोर्ट ने राहुल की इस याचिका को खारिज कर दिया था।
इसके साथ ही अदालत ने राहुल गांधी को मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए थे। दरअसल, मोदी सरनेम मामले में रांची सिविल कोर्ट में एक शिकायतवाद दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता प्रदीप मोदी की ओर से रांची सिविल कोर्ट में यह शिकायतवाद दाखिल किया गया था। इस शिकायतवाद को राहुल गांधी की मोदी सरनेम वालों पर की गई कथित टिप्पणी के आलोक में दाखिल किया गया था। बता दें कि राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड में अलग अलग तरह के तीन मुकदमें चल रहे हैं। इन सभी मामलों की सुनवाई रांची में हो रही है।