L19 Desk : ज्ञानेश कुमार को भारत का नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। कानून मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लगायी। इस चयन समिति की बैठक में पीएम मोदी के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल थे। इस तरह से ज्ञानेश कुमार निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित नये कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले सीईसी होंगे। वह राजीव कुमार का स्थान लेंगे। वह देश के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए हैं।
बता दें कि राजीव कुमार आज मंगलवार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। ज्ञानेश कुमार दरअसल, 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, और अब तक चुनाव आयुक्त के तौर पर जिम्मेदारी निभाते आये हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा, हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को नया चुनाव आयुक्त बनाया गया, जबकि सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे।
बिहार, बंगाल के विधानसभा चुनाव में निभायेंगे जिम्मेदारी
इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। वहीं, 2026 में पश्चिम बंगाल, केरल तमिलनाडु, असम जैसे राज्यों विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में वो इन चुनावों के प्रभारी होंगे। चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक है। वहीं, 2027 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के कार्यकाल में होंगे।
कौन हैं ज्ञानेश कुमार ?
ज्ञानेश कुमार गुप्ता 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें केरल कैडर मिला था। जल्द ही वो अपने कामों के लिए फेमस हो गए। फिर वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आए। उन्होंने गृह विभाग और सहकारिता विभाग में अहम योगदान दिया। ज्ञानेश कुमार गुप्ता के पिता डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता और मां सत्यवती गुप्ता विजय नगर कॉलोनी के निवासी हैं। पिता चीफ मेडिकल ऑफिसर के पद से रिटायर हो चुके हैं। पिता के सरकारी नौकरी में होने की वजह से ट्रांसफर होता रहा। इसकी वजह से ज्ञानेश कुमार की शिक्षा गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर से हुई।
नये मुख्य चुनाव आयुक्त का ऐसा रहा शैक्षणिक जीवन
ज्ञानेश कुमार ने लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से 12वीं की थी। यहां वह टॉपर रहे थे। वाराणसी के क्वींस कॉलेज से पढ़ाई के दौरान ज्ञानेश कुमार गुप्ता हमेशा अव्वल रहे। 12वीं के बाद परिवार के डॉक्टरी पेशे से इतर उन्होंने इंजीनियरिंग करने का फैसला किया। आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। फिर दिल्ली में रहकर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। इस दौरान उन्होंने करीब एक साल तक हुडको में भी काम किया। 1988 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की और केरल कैडर के आईएसएस अधिकारी बने। पहली नियुक्ति उन्हें तिरुवनंतपुरम में बतौर डीएम मिली। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
मनमोहन सरकार में भी निभा चुके हैं महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
ज्ञानेश कुमार को मनमोहन सरकार में साल 2007 से 2012 तक रक्षा मंत्रालय में संयुक्त रक्षा सचिव का जिम्मा मिला था। साल 2014 में उन्हें केरल सरकार के दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर नियुक्त किया गया। आईएसआईएस की हिंसक गतिविधियों के बीच 183 भारतीयों को इराक से निकालने में ज्ञानेश कुमार की भूमिका अहम रही थी।