L19/Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के क्षेत्रीय कार्यालय में रांची में जमीन के गोरखधंधे की लंबी शिकायत पहुंची है। सेना के जमीन की अवैध खरीद-बिक्री को लेकर जिस तरह इडी जांच कर रही है, उससे पुलिस प्रशासन से ज्यादा लोगों को इडी पर भरोसा हो गया है। इडी के पास रांची के चर्चित जमीन की खरीद बिक्री के सैकड़ों शिकायतें पहुंची है। इडी के पास नामकुम के चाय बगान के 100 एकड़ से अधिक की जमीन की अवैध तरीके से जगतबंधू टी स्टेट के मालिक दिलीप घोष की तरफ से की गयी बिक्री का मामला भी शामिल है। इडी के पास नगड़ी के पुनदाग में खाता 383 की 100 एकड़ से अधिक जमीन की जमाबंदी गलत तरीके से करने का मामला भी पहुंच चुका है।
बुंडू में राजधानी के सबसे बड़े प्रमोटर शाकंभरी बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से बुंडू में 10 करोड़ में 1457 एकड़ जमीन की गलत बंदोबस्ती कराने का मामला भी इडी तक पहुंच गया है। यह जमीन जंगल-झाड़ी नेचर की है। इसे शाकंभरी बिल्डर्स के प्रमोटरों ने गलत कागजात के आधार पर खरीद-बिक्री की है। इसके अलावा राजधानी के बड़गाई मौजा में 50 एकड़ से अधिक गैर मजरुआ जमीन की खरीद बिक्री करने, बीआइटी मेसरा के लिए अधिग्रहित की गयी 60 एकड़ जमीन की खरीद बिक्री का मामला भी इडी दफ्तर तक पहुंच गया है। इसके अलावा कांके अंचल के रिंग रोड स्थित चामा मौजा में आदिवासी खाते की 200 एकड़ जमीन की शिकायत भी इडी तक पहुंची है, जिसे गैर आदिवासियों के नाम से हस्तांतरित कर दिया गया है।
संजीवनी बिल्डकोन का मामला भी पहुंचा इडी कार्यालय
राजधानी के पुनदाग, ओरमांझी, नामकुम में हुए संजीवनी बिल्डकोन का मामला भी इडी दफ्तर पहुंच गया है। शिकायत में कहा गया है कि कैसे रातू अंचल के तत्कालीन सीओ कृष्ण कन्हैया राजहंस, हल्का कर्मचारी शशि भूषण सिंह (अब सीओ चुरचू अंचल) समेत अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिल कर पुनदाग मौजा की जमीन की दोहरी जमाबंदी कर दी। यह जमीन भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) को-आपरेटिव की थी। इसकी जांच सीबीआइ और एसीबी भी कर रही है। पर एसीबी के पास की शिकायत को आरोपियों ने दबवा दिया है। नामकुम अंचल में ही गैर मजरुआ नेचर के एक हजार एकड़ से अधिक की जमीन की शशि भूषण सिंह, सीओ शुभ्रा रानी, सीओ अमित कुमार तथा अन्य के द्वारा किये गये गड़बड़ियों का पिटारा भी इडी तक पहुंच चुका है। शिकायत कर्ता ने पीएमएलए एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग भी की है।