L19 DESK : दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के तत्कालीन आयुक्त नीतिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट और रांची नगर निगम की तरफ से दर्ज करायी गयी आर्थिक अपराध से संबंधित शिकायत पर ही प्रवर्तन निदेशालय (इडी) आइएएस अफसर छवि रंजन को गिरफ्तार करने में सफल हो पायी। इससे पहले राजधानी रांची में हुए बड़े भूमि घोटाले, जिसका प्रत्यक्ष संबंध आइएएस छवि रंजन से था, के लिंक खोजने में इडी को छह महीने लगा। इडी ने इसको लेकर कारोबारी विष्णु अग्रवाल, पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, राजधानी रांची के बड़े जमीन गिरोह के सिंडिकेट के सदस्यों की जानकारी ली। इडी तक शिकायत दिसंबर 2022 और जनवरी माह में ही पहुंच गयी थी। इसके कई प्रमाण भी इडी कार्यालय को दिये गये। 22 नवंबर 2022 को इडी ने कारोबारी विष्णु अग्रवाल, अमित अग्रवाल समेत कआ जगहों पर छापेमारी की थी। इसके लिए इडी ने जमीन घोटाले की जांच तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार माना था ।
सेना के कब्जे वाली जमीन के सिलसिले में जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इस जांच रिपोर्ट में स्पष्ट था कि फर्जी नाम और पता के आधार पर सेना की जमीन पर कब्जा किया गया। आनन-फानन में रांची नगर निगम ने इस मामले की शिकायत दर्ज करा दी। ईडी ने इसी प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी। इस मामले की जांच शुरू हुई तो सबसे पहला छापा नवंबर 2022 में व्यापारी विष्णु अग्रवाल, अमित अग्रवाल के ठिकानों पर पड़ा। ईडी ने दूसरी बार छापा मारा 13 अप्रैल को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत जमीन के कारोबार से जुड़े 21 ठिकानों पर छापेमारी की गयी। छापेमारी में कई अहम सबूत मिले। सरकारी दस्तावेज घर में रखने के आरोप में कर्मचारी भानु प्रताप सहित सात जमीन कारोबारियों को गिरफ्तार कर लिया। रिमांड पर इन अभियुक्तों से हुई पूछताछ के दौरान जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने में शामिल अन्य लोगों की जानकारी मिल गयी।
24 अप्रैल को फिर एक छापा पड़ा मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थापित पीपीएस उदय शंकर के ठिकानों पर।
ईडी को जानकारी मिली की जमीन कारोबारियों को प्रशासनिक मदद पहुंचाने की कोशिश इसी जगह से होती थी।उदय शंकर को मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू का करीबी बताया गया। 26 अप्रैल को बिपिन सिंह सहित बजरा मौजा की 7.16 एकड़ जमीन आधे से भी कम कीमत पर खरीदनेवाले रवि भाटिया के साथ- साथ कुछ और के ठिकानों पर रेड हुई। छापेमारी खत्म होने के बाद ईडी ने इस मामले में पुख्ता सबूत इकट्ठा किए। इसके बाद शुरू हुआ दौर समन और पूछताछ का। इडी ने रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, विष्णु अग्रवाल, कोलकाता के एडिशनल रजिस्ट्रार, जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक दिलीप घोष को समन जारी किया। छवि रंजन को दो बार समन जारी किया गया। तीसरी बार के समन पर वह ईडी के समक्ष पेश हुए पहली बार की पूछताछ लगभग दस घंटे चली, दूसरे दौर की पूछताछ के लिए चार मई को बुलाया गया इस बार दस घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में अभी और कई सूत्रधार हैं जिनसे पूछताछ जारी है। कारोबारी विष्णु अग्रवाल अभी ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं।