L19 DESK : चार महीने के लिए सरकार ने राज्य भर में शराब की खुदरा बिक्री को लेकर कमर कस ली है। राजधानी रांची समेत लातेहार, लोहरदगा, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, पश्चिमी सिंहभूम, रामगढ़, हजारीबाग, सरायकेला-खरसांवां, कोडरमा, दुमका, पाकुड़, जामताड़ा, साहेबगंज, गोड्डा, गुमला, सिमटेडा, लोहरदगा, खूंटी में जेएसबीसीएल के मार्फत शराब की बिक्री होगी। इन सभी जिलों के उत्पाद अधीक्षक और सहायक उत्पाद आयुक्त को जवाबदेही सौंपी गयी है। सरकार का मानना है कि प्लेसमेंट एजेंसियों की वजह से राजस्व की वसूली कम हो रही है। एक दिन वाइन शाप बंद रहने से राज्य भर में सरकार को पांच करोड़ का नुकसान उठाना पड़ता है।
सरकार इन्हीं विसंगतियों को देखते हुए 2013 की व्यवस्था ही पूरे राजेय में लागू करने के पक्ष में है। जनवरी से लेकर अपर्ल माह तक प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन को लेकर 10 से अधिक बार निविदा निकाली गयी। लेकिन किसी भी प्लेसमेंट एजेंसी का चयन नहीं हो पाया है। उधर झारखंड शराब व्यवसायी संघ लगातार पुरानी व्यवस्था लागू की जाये। पुरानी व्यवस्था लागू करने और दुकानों की बंदोबस्ती डाक माध्यम से करने की भी संघ ने मांग की है। इतना ही नहीं संघ ने 35 सौ करोड़ का रेवेन्यू देने का वायदा भी सरकार से किया है। इसको लेकर तत्कालीन उत्पाद मंत्री जगरनाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक को भी मांग पत्र सौंपा जा चुका है।
मई 2022 में लागू हुई नयी उत्पाद नीति से पहले साल सरकार को मिले 2050 करोड़
मई 2022 में लागू हुई नयी उत्पाद नीति से पहले वर्ष यानी 31 मार्च 2023 तक 2050 करोड़ का रेवेन्यू वसूला गया। सरकार ने सभी प्लेसमेंट एजेंसियों पर 448 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अतिरिक्त 79 करोड़ से अधिक की बैंक गारंटी भी जब्त कर ली गयी है। राज्य में सुमीत फैसिलिटिज, ए2जेड इंफ्रा सर्विसेज लिमिटेड, इगल हंटर प्राइवेट लिमिटेड और प्राइम वन वर्क फोर्स प्राइवेट लिमिटेड प्लेसमेंट एजेंसीज के रूप में काम कर रही थी। जीडीएक्स फैसिलिटीज को जोन-2 और जोन-6 के लिए जेएसबीसीएल ने चयन किया था।