L19/Ranchi : राजधानी रांची के रातू रोड में बिड़ला की जमीन पर पूर्व चैंबर अध्यक्ष अंचल किंगर ने बहुमंजिला अपार्टमेंट बनाया है। इंद्रपुरी में आठ डिसमील जमीन पर बना यह मार्केटिंग कांपलेक्स विवादों में आ गया है। शहर अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी संजीव कुमार लाल एक सिरे से बिड़ला मैदान में अंचल किंगर की जमीन का म्युटेशन करने की बातों को खारिज करते हैं, उधर पूर्व चैंबर अध्यक्ष अंचल किंगर का दावा है कि उन्होंने तत्कालीन सीओ से ही जमाबंदी करायी है। इसके लिए हाईकोर्ट से डायरेक्शन भी कराया। पर कागजात मांगने की बात पर पहले उन्होंने कहा कि सारे कागजात उपलब्ध करा देंगे। अब दस्तावेज देने में टालमटोल कर रहे हैं। यानी बिड़ला की जिस जमीन पर रातू रोड में सिख समुदाय के लोगों को जमीन लीज पर दी गयी। इस जमीन को लेकर बिड़ला मैदान संघर्ष समिति और गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा की ओर से वैधानिकता पर लड़ाई जारी है। सूत्रों का कहना है कि बिड़ला फैमिली ने हिंदुओं को बसाने के लिए खाता संख्या 1151 की चार एकड़ से अधिक जमीन लीज पर दी थी। इसको लेकर गुरुद्वारा गुरू सत्संग सभा अपना दावा करता है। इसको लेकर 2007 में बिड़ला मैदान की घेराबंदी का प्रयास करने पर भारी हो हंगामा हुआ था और दो दर्जन से अधिक लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी।
संदेह के घेरे में है अंचल, किंगर द्वारा बनाये गये मार्केट का म्युटेशन
चैंबर के पूर्व अध्यक्ष और बिल्डर अंचल किंगर की बातों पर अब संदेह होने लगा है। कुछ लोग बिड़ला मैदान की कुछ जमीनों पर बनाये गये अपार्टमेंट और बहुमंजिली इमारतों के निर्माण का मामला प्रवर्तन निदेशालय (इडी) तक पहुंचा चुके हैं और शहर अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारियों, हल्का कर्मचारियों, रांची के उपायुक्त कार्यालयों के बाबुओं की मिलीभगत की जांच की मांग करने लगे हैं। बताया जाता है कि बिड़ला फैमिली ने 100 से अधिक परिवारों को लीज में जमींदारी के समय जमीन दी थी। जमींदारी समाप्त होने के बाद यह जमीन गैर मजरुआ खाते की हो गयी और सरकार ने इसे अपने अधीन कर लिया। इस पर गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा ने भी अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है। इसी बीच कुछ लीज की जमीन का तत्कालीन उपायुक्त मनोज कुमार के समय जमाबंदी किया गया। अभी तक 99 फीसदी लीज धारकों की जमीन का म्यूटेशन नहीं हो पाया है। इसको लेकर पूरे कृष्णानगर कालोनी के लोगों में भी रोष है, क्योंकि कुछ रसूखदार पैसे के बल पर म्युटेशन करा चुके हैं, जो गलत है, जबकि अन्य की जमीन की स्थिति पूर्व जैसी ही बनी हुई है।