दीपक कुमार
L19 DESK : छत्तीसगढ़ के शराब कारोबारी अनवर ढेबर की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की रायपुर की टीम रेस हो गयी है। इडी रायपुर की तरफ से जारी किये गये प्रेस नोट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सिंडिकेट ने ही झारखंड में शराब की पैकिंग का होलोग्राम बनाने से लेकर प्लेसमेंट एजेंसी नियुक्त करने का काम किया है। इडी के प्रेस वक्तव्य में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ का घोटाला छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक अरूणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर की संयुक्त साजिश की वजह से शराब घोटाले को अंजाम दिया गया। अनवर ढेबर ने विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू को लाजिस्टिक्स और कैश कलेक्शन की जवाबदेही सौंप रखी थी। इस सिंडिकेट ने सुमीत फैसिलिटिज लिमिटेड जो विकास अग्रवाल से संबंधित है को न सिर्फ छत्तीसगढ़, बल्कि झारखंड में भी प्लेसमेंट एजेंसी के रूप में नियुक्त करवाया। कैश कलेक्शन की जवाबदेही मेसर्स टॉप्स सिक्युरिटिज को दिया गया, जो कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया की कंपनी थी। विकास अग्रवाल नामक व्यक्ति इस कंपनी से भी जुड़ा हुआ था। विकास अग्रवाल ने अपने आका अनवर ढेबर के साथ मिल कर झारखंड में भी शराब के कारोबार में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। झारखंड में भी शराब के बॉटलों पर होलोग्राम लगाने का काम प्रिज्म होलोग्राफी एंड फिल्मस सिक्युरिटिज प्राइवेट लिमिटेड को जवाबदेही सौंपी थी।
इस कंपनी को सीएसएमसीएल के अरुणपति त्रिपाठी ने मैनेज किया था। सिद्धार्थ सिंघानिया और विकास अग्रवाल दोनों एक दूसरे के काफी करीबी बताये जाते हैं। इडी का मानना है कि इसी सिंडिकेट को झारखंड में लाया गया। विकास अग्रवाल और सिद्धार्थ सिंघानिया ने अपने मुताबिक यहां की 1580 शराब की रिटेल दुकानों को पहले 10 जोन में बंटवा दिया। इसके बाद सुमित फैसिलिटिज, ए2जेड इंफ्रा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, प्राइम वन वर्क फोर्स प्राइवेट लिमिटेड, इगल हंटर प्राइवेट लिमिटेड और जीडीएक्स फैसिलिटिज को लाया गया। इनके सेलेक्शन पर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। झारखंड सरकार ने सीएसएमसीएल को राज्य की नयी उत्पाद नीति लागू करने के लिए सलाहकार कंपनी की जवाबदेही सौंपी। कंपनी के कहने पर छत्तीसगढ़ की दो कंपनियों को यहां शराब के होलसेलर का काम दिया गया, जिसमें दिशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड और ओम साईं डिस्टिलरीज शामिल हैं। इसके अलावा इन कंपनियों के इतर जेएसबीसीएल तीसरे थोक विक्रेता के रूप में झारखंड में काम करना शुरू किया। अब उपरोक्त दोनों कंपनियों को थोक कारोबार से हटा दिया गया है और इनसे 35 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी वसूल ली गयी।
19 जिलों में चल रहा है जेएसबीसीएल का संचालन
एक मई से राज्य के 19 जिलों में जेएसबीसीएल की ओर से ही शराब की दुकानों का संचालन शुरू कर दिया गया है। जोन सिक्स को छोड़ अन्य जिलों में शराब की दुकानों का हैंड ओवर और टेक ओवर किया जा रहा है। इसमें कई तरह के घोटाले सामने आ रहे हैं। हाल ही में रांची के अरगोड़ा स्थित शॉप में बगैर स्टॉक वेरीफिकेशन के ही सभी स्टाफ दुकान छोड़ कर भाग गये। पलामू और गिरिडीह में भी यही हुआ है। राज्य सरकार की तरफ से प्लेसमेंट एजेंसियों की तरफ से नियुक्त हुए कर्मियों को रीटेन करने का निर्देश जारी किया है। एक दुकान में एक स्टोर सुपरवाइजर और दो सेल्समैन हैं।
झारखंड के उत्पाद सचिव और उत्पाद आयुक्त से हो चुकी है एक बार पूछताछ
झारखंड के उत्पाद सचिव विनय चौबे और उत्पाद आयुक्त करण सत्यार्थी से इडी की रायपुर टीम ने पूछताछ की है। अनवर ढेबर की गिरफ्तारी के बाद अब यह कयास लगाया जा रहा है कि वहां पर इन अधिकारियों को दुबारा बुलाया जायेगा और इनसे पूछताछ की जायेगी कि किसके कहने पर सीएसएमसीएल को परामर्शी बनाया गया। सीएसएमसीएल के एमडी रहे अरुणपति त्रिपाठी और विनय चौबे के बीच क्या संबंध हैं। अनवर ढेबर की कंपनी सुमित फैसिलिटीज को कैसे रांची, खूंटी, लोहरदगा, गुमला जैसे जिलों में प्लेसमेंट एजेंसी का काम दिया गया।