L19 DESK : रांची में हुए जमीन घोटाला मामले की परतें अब खुलने लगी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की तरफ से अब तक सेना के कब्जेवाली भूमि के अलावा चेशायर होम रोड, रांची के बजरा मौजा, नामकुम अंचल के पुगड़ू मौजा में हुए जमीन घोटाले को लेकर राज्य सरकार को पत्र लिखा है। इडी के जांच का दायरा भी दिनों-दिन बढ़ने लगा है। अब इडी की तरफ से राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिख कर हेहल अंचल के बजरा मौजा में 7.16 एकड़ जमीन की अवैध खरीद-बिक्री मामले पर पूर्व उपायुक्त छवि रंजन और अन्य पर प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया है।
इडी ने कहा है कि बजरा मौजा की 7.16 एकड़ की जमीन को इसी वर्ष 12 जून को अटैच किया गया है, जिसका बाजार मूल्य 33 करोड़ था। इससे पहले ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन सहित अन्य के विरुद्ध दाखिल चार्जशीट में बताया था कि भू-राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से बजरा मौजा की जमीन के मालिक का नाम बदल कर खरीद-बिक्री की गई। इसमें हेहल अंचल के अंचल अधिकारी, अंचल निरीक्षक, हल्का कर्मचारी शामिल हैं। आइएएस छवि रंजन ने अपने कार्यकाल के दौरान हेहल अंचल की 7.16 एकड़ जमीन की 82 साल पहले से चली आ रही जमाबंदी रद्द करने का आदेश दिया था।
उन्होंने अंचल अधिकारी के सादे पंचनामे को सही करार देते हुए विनोद सिंह के नाम पर म्यूटेशन करने का आदेश दिया। यही नहीं, छवि रंजन ने 150 पुलिस जवानों को तैनात कर जमीन की घेराबंदी भी करवा दी। ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि हेहल अंचल के बजरा मौजा की जमीन के खाता नं. 140, प्लॉट नंबर-1323, 1324, 1333, 1334 और 1338 में कुल 7.16 एकड़ भूमि है, जिसके मालिकाना हक को लेकर कई लोगों में विवाद था।
कम्युनिस्ट नेता और राजधानी के सबसे पुराने जमीन दलाल सुधीर दास ने विनोद सिंह से संपर्क किया। उसने ही रवि सिंह भाटिया और श्याम सिंह के साथ जमीन बेचने का एग्रीमेंट करवाया। इसके बाद विनोद ने यह जमीन चार सेल डीड के माध्यम से दोनों को बेच दी। इडी ने चार्जशीट में बताया है कि 7.16 एकड़ जमीन की कीमत के तौर पर विनोद सिंह के खाते में 15.10 करोड़ रुपए देने का दावा किया गया, जबकि उस जमीन की सरकारी दर से कीमत 29.75 करोड़ आंकी गई। जांच में पाया गया कि विनोद के खाते में 15.10 करोड़ के बदले मात्र 3.66 करोड़ रु. ही ट्रांसफर किए गए थे।