L19 DESK : मनी लॉउड्रिंग केस में फंसे पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही के तत्कालीन निजी सचिव उमाशंकर मालवीय के पासपोर्ट रिलीज कराने को लेकर दायर क्रिमिनल रिवीजन की सुनवाई के वक्त झारखंड हाईकोर्ट में ईडी ने पूरक शपथ पत्र दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी की अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 जुलाई को तय किया है। पिछली सुनवाई में अदालत ने प्रार्थी को पूरक शपथ पत्र दाखिल कर बताने को कहा था कि वह अपनी बेटी से मिले लंदन कब और कितने दिनों के लिए जाना चाहते हैं।
बता दे की ईडी के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने पासपोर्ट रिलीज करने के उमाशंकर मालवीय की याचिका को रद्द कर दिया था, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि उनकी बेटी लंदन में हुल यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई कर रही है इसलिए वह लंदन उससे मिलने जाना चाहते हैं। ऐसे में ईडी की कोर्ट में जमा उनके पासपोर्ट को रिलीज करने का आदेश देने को कहा। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी की अदालत ने इस मामले की सुनवाई की। याचिकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा एवं अधिवक्ता निरुपमा ने पैरवी की। बता दे की उमाशंकर मालवीय पर पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही के द्वारा अर्जित की गई करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति को मनी लॉउड्रिंग करने में सहयोग करने का आरोप है।
गौतलब है की विजिलेंस थाने में तत्कालीन विधायक भानु प्रताप शाही की आय से अधिक संपत्ति को लेकर दर्ज कांड संख्या 9/ 2009 के आधार पर सीबीआई ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी। सीबीआई ने तत्कालीन विधायक भानु प्रताप शाही के खिलाफ 13 मार्च 2005 से 24 जुलाई 2009 की अवधि को चेक अविधि मानते हुए उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कराया था। बाद में सीबीआई की इसी प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने भानु प्रताप शाही, उनके तत्कालीन ओएसडी उमाशंकर मालवीय एवं अन्य के खिलाफ मनीलांड्रिंग का मामला दर्ज किया है।