L19/E. Singhbhum : बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती की पत्नी नयना मुखर्जी इन दिनों डेंगू का शिकार हो चुकी हैं। शनिवार देर रात उन्हें टीएमएच में भर्ती कराया। इस संबंध में विधायक समीर मोहंती ने बताया कि जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। प्लेटलेट कम हुआ था, जो धीरे-धीरे रिकवर कर रहा है। फिलहाल, हालत में सुधार है। मौसमी बुखार में प्लेटलेट्स कम होने पर घबराने की जरूरत नहीं है। यह डेंगू नहीं है। ऐसा होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
मिली जानकारी के अनुसार, एमजीएम और सदर अस्पताल के ओपीडी में 40% मरीजों की संख्या इन्हीं दोनों बीमारियों के हैं। मगर प्लेटलेट्स होने पर भी मरीज खुद को डेंगू से संक्रमित मान लेते हैं। डॉक्टरों की मानें तो सामान्य बुखार में प्लेटलेट्स कम होना कोई बड़ी बात नहीं है।
क्या प्लेटलेट्स की कमी डेंगू की ओर इशारा करते हैं?
बता दें, जमशेदपुर में अब तक 2200 संदिग्ध मरीजों की जांच हो चुकी है, जिनमें से 267 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इस संबंध में एमजीएम अस्पताल के फिजिशियन डॉ. बलराम झा ने बताया कि एमजीएम में भी ऐसे सामान्य बुखार के मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं, जिनका प्लेटलेट्स कम हो रहा है। डेंगू में एक से दो प्रतिशत मरीजों का प्लेटलेट्स कम होता है। कई बार मौसमी बुखार में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, जबकि डेंगू में कम नहीं होते।
प्लेटलेट्स कम होने को डेंगू से जोड़कर देखना गलत है। प्लेटलेट्स कम होने का कारण शरीर में इंफेक्शन, एनीमिया, वायरल बुखार, विटामिन सी की कमी भी हो सकता है। कई बार दवाओं के ज्यादा उपयोग से भी प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। सामान्य मौसमी बुखार में भी कई लोग अपने से प्लेटलेट्स कम होने पर डेंगू की दवा लेना शुरू कर देते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। डॉक्टर से इलाज के बाद ही डेंगू या सामान्य बुखार की दवा लें।
पूर्वी सिंहभूम में डेंगू का क्या है हाल?
पूर्वी सिंहभूम में रविवार को डेंगू के 27 नए मरीज मिले हैं। इसमें चाकुलिया के 7, टेल्को के 6, गोलमुरी के 3, साकची के एक, मानगो के 8, बागबेड़ा और बारीडीह के एक-एक मरीज शामिल हैं। इन मरीजों का इलाज एमजीएम, सदर अस्पताल, टीएमएच, टाटा मोटर्स अस्पताल, टिनप्लेट अस्पताल में चल रहा है। रविवार को कुल 87 संदिग्ध मरीजों का सैंपल जांच में भेजा गया है।जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 294 हो गई है। अब तक चाकुलिया और मानगो से सर्वाधिक मरीज मिल रहे हैं। डेंगू पर अंकुश के लिए लार्वा मिलने पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग भी कराई जा रही है। फिर भी डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है।