L19/DESK : आज राज्यसभा में भारत रत्न चौधरी चरण सिंह को लेकर सभापति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच बहस हो गई,इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ इतना नाराज हो गए कि उन्होंने कहा कि वे चौधरी चरण सिंह का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘आपने चौधरी चरण सिंह का अपमान किया है, आपने उनकी विरासत का अपमान किया। आज के दिन आप सदन में ऐसा माहौल बनाकर देश के हर किसान को आहत कर रहे हैं। हमारे सिर शर्म से झुक जाने चाहिए।
राज्यसभा सभापति ने विपक्षी नेताओं को रोकते हुए कहा ‘इस तरह की भाषा का इस्तेमाल मत करिए। मैं चौधरी चरण सिंह का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा। उनका सार्वजनिक जीवन निष्कलंक रहा और उनका देश के किसानों के प्रति समर्पण भी निष्कलंक था। मैंने खुद अपनी आंखों से देखा है।’दरअसल रालोद नेता जयंत चौधरी राज्यसभा में बोलन के लिए खड़े हुए थे, इस पर मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य विपक्षी सांसदों ने आपत्ति जताई कि उन्हें किस नियम के तहत बोलने की इजाजत दी जा रही है।”
खरगे ने कहा, ‘नेताओं को भारत रत्न से सम्मानित करने पर कोई बहस नहीं है। मैं सभी को सलाम करता हूं, लेकिन अगर कोई सदस्य कोई मुद्दा उठाना चाहता है, तो आप पूछते हैं कि किस नियम के तहत। मैं जानना चाहता हूं कि उन्हें किस नियम के तहत बोलने की अनुमति दी गई है। हमें भी अनुमति दीजिए। एक तरफ आप नियम की बात करते हैं। आपके पास विवेक है। उस विवेक का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए न कि जब आप चाहें। इसके बाद सदन में जमकर हंगामा होने लगा।
सभापति ने इस पर कहा कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलना पूरे देश का सम्मान है, लेकिन उनके पोते जयंत चौधरी अभी सदन में मौजूद हैं और उनके लिए ये बहुत बड़े सम्मान की बात है, इसलिए उन्हें बोलने की इजाजत दी गई। इस पर भी विपक्षी सांसदों ने हंगामा जारी रखा और नारेबाजी की। जिससे सभापति धनखड़ नाराज हो गए और उन्होंने विपक्ष को लगभग लताड़ते हुए उक्त बातें कही। विपक्ष के हंगामे पर जयंत चौधरी ने भी निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि ‘सभापति जी, आज मैं वरिष्ठ सांसदों के दुर्व्यवहार से बहुत दुखी हूं।