L19 DESK : झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा का एक प्रतिनिधि राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव,गृह सचिव के नाम झारखंड आंदोलनकारियों के मान सम्मान पहचान नियोजन एवं सम्मान राशि की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। साथ ही 16- 17 दिसंबर 2023 को आर्थिक नाकेबंदी कार्यक्रम से भी अवगत कराया।
इस संदर्भ में पुष्कर महतो ने कहा कि वर्षों लंबे संघर्ष और शहादत के बाद झारखंड अलग राज्य 15 नवंबर 2000 ई को भारत के मानचित्र में उदयमान हुआ। राज्य गठन के पश्चात लगातार झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारी उपेक्षा का शिकार होते रहे हैं। झारखंड आंदोलनकारियों को राजकीय मान- सम्मान, पहचान नहीं मिलने के कारण सहज आक्रोश है। इसलिए 16 दिसंबर एवं 17 दिसंबर 2023 को झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर आर्थिक नाकेबंदी पूरे राज्य में करने का आह्वान किए हैं।
यह आर्थिक नाकेबंदी किसी के विरोध में नहीं बल्कि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के आंदोलनकारियों की मांगे शासन एवं प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए है। उन्होंने अपने मैंगो के संदर्भ में बताया कि मांगों के संदर्भ में बताया कि राज्य सरकार मंत्रिमंडल की बैठक आहूत कर जेल जाने की बाध्यता को दूर कर राज्य गठन की तिथि से झारखंड आंदोलनकारियों को समान रुप से राजकीय मान- सम्मान पहचान ,सम्मान राशि (पेंशन) 50-50 हजार रु . प्रति माह दे। आंदोलनकारियों के आश्रितों को सीधी नियुक्ति योग्यतानुसार की समुचित व्यवस्था करें। आंदोलन कार्यों को उत्तराखंड के तर्ज पर निशुल्क मेडिकल की सुविधाये प्रदान करे।
उन्होंने क्षैतिज आरक्षण अक्षरश: लागू तथा राज्य में समता जजमेंट लागू करने एवं रॉयल्टी का 26% अधिकार झारखंड के आदिवासियों एवं झारखंडियों को दिए जाने की बात रखी। राज्य सरकार आंदोलनकारियों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों को दान -अनुदान नहीं बल्कि न्याय करे।
इस संबंध में मोर्चा द्वारा ज्ञापन सौंपे गए। ज्ञापन संघर्ष मोर्चा के संस्थापक व प्रधान सचिव पुष्कर महतो, केंद्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह संयोजक इजहार राही, भुवनेश्वर केवट सरोजिनी कच्छप ,रोजलीन तिर्की एवं सीताराम उरांव के हस्ताक्षर युक्त हैं।