L19/DESK : बिहार विधानमंडल में पास आरक्षण संशोधन बिल को राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने भी मंगलवार को अपनी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता अब साफ हो गया। नये आरक्षण बिल से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के बीच आरक्षण का दायरा बढ़ जायेगा। इस संदर्भ में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से गजट का भी प्रकाशन कर इसे प्रभावकारी बना दिया जायेगा।
बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में विधानसभा और विधान परिषद ने इस बिल को सर्वसम्मति से पारित कर दिया था। इसमें आरक्षण का दायरा 50 से 65 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था। ईडब्ल्यूएस के 10 फीसद जोड़कर बिहार में अब आरक्षण 75 प्रतिशत हो जाएगा। आरक्षण संशोधन बिल लागू होने के साथ अनुसूचित जाति को 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 2 प्रतिशत, अति पिछड़ा जाति को 25 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग को 18 प्रतिशत आरक्षण मिल पायेगा।
इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग वाले लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। बिहार में जातीय गणना के समाजिक-आर्थिक रिपोर्ट जारी होने के बाद मुख्यमत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण का दायरा 75% करने का प्रस्ताव दिया था। इसे नीतीश सरकार ने पहले बिहार कैबिनेट में मंजूरी दी। इसके बाद विधानसभा में दो हिस्सों में इस बिल को पेश किया गया.इसमें शिक्षण संस्थानों व सरकारी नौकरी में आरक्षण शामिल था।