L19 DESK : अपराध में पकड़े जाने और रिमांड होम भेजे जाने वाले 38 फीसदी ऐसे बच्चे है जो नाबालिग हैं, जो बड़े जुर्म के आरोपी हैं। वे लूट, छिनतई जैसे मामलों में भेजे गए हैं। पुलिस ने एक साल में ऐसे नाबालिगों को गिरफ्तार कर उन्हें सुधार गृह में भेजा, जो पेशेवर अपराधियों के साथ थे। जो छिनतई जैसे अपराध में पकड़े गए, उसमें 90% ब्राउन शुगर या अन्य नशीले पदार्थों के आदी शामिल है। ऐसा पुलिस की ओर से पकड़कर रिमांड होम भेजे गए नाबालिगों से पता चला है। एक साल भर में रिमांड होम भेजे जाने वाले 67 में 24 बच्चे बड़े जुर्म में शामिल थे।
आर्म्स को छुपाने में गए
रिमांड होम जाने वाले बच्चे बंदियों में हत्या के मामले में जो बंद हैं, उनमें अधिकांश ऐसे हैं, जो आर्म्स को छिपाने में गए हैं। पुलिस के कहना है कि पेशेवर अपराधियों के लिए अपने हथियार को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए इन बच्चों का इस्तेमाल किया जाता था।
बच्चे नशे में करते हैं अपराध
मोबाइल और पर्स की छिनतई में रिमांड होम में बंद 14 बाल बंदी ऐसे हैं, जिन्होंने नशे में आकर इस घटना को अंजाम दिया था। हालांकि, इनके गिरोह का सरगना कोई और था।
बच्चों का इस्तेमाल आसान
बड़े और पेशेवर अपराधियों के लिए बच्चों का इस्तेमाल करना बेहद ही आसान हो जाता है, क्योंकि जब केस कोर्ट तक पहुँचता है और बच्चों को आरोपी बनाया जाता है तो उनके मामले कहीं न कहीं थोड़े सुस्त पड़ जाते हैं और इसका लाभ उन्हें मिलता है।