L19 DESK : झारखंड सरकार द्वारा 1932 के खतियान से संबंधित बिल जब कैबिनेट में पास हुआ, तो इसका सबसे ज्यादा श्रेय शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को जाता है। उन्होंने इसके लिए न सिर्फ विपक्ष को करारा जवाब दिया था , बल्कि गठबंधन से जुड़े अपने नेताओं से भी कई बार बहस की थी। डुमरी विधायक जगरनाथ महतो पूरे झारखंड विधानसभा में एकमात्र ऐसे नेता थे, जिनकी रग रग में 1932 का खतियान बसता था।
उन्होंने अपनी गाड़ी, जिसपर सवारी करते थे, उसका वाहन संख्या 1932 ही है। यही नहीं उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी 8797041932 ही रखा, जिसका अंतिम चार डिजिट 1932 ही है। 1932 के खतियान से संबंधित बिल जब झारखंड सरकार के कैबिनेट में पास हुआ, तो उन्होंने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को 1932 के खतियान के स्लोगन लिखा प्रिंटेड शॉल ओढ़ाकर खुशी भी जाहिर की थी। इसके लिए उन्होंने पहले से ही शॉल प्रिंटेड करवाकर रखा था।
उनका यह मानना था कि मानना था कि हर हाल में 1932 के खतियान आधारित बिल विधानसभा में भी पास होकर रहेगा और इसे कोई माई का लाल रोक नहीं सकता। उनका मानना था कि झारखंड में अगर झारखंडियों को हक नहीं मिलेगा तो क्या दूसरे राज्य में मिलेगा। उन्होंने 1932 के खतियान को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं को भी कई बार जमकर कोसा था।
1932 के खतियान से संबंधित बिल जब झारखंड सरकार के कैबिनेट में पास हुआ, तो सबसे ज्यादा श्रेय शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को जाता है। उन्होंने इसके लिए न सिर्फ विपक्ष को करारा जवाब दिया, बल्कि गठबंधन से जुड़े अपने नेताओं से भी कई बार बहस की। डुमरी विधायक जगरनाथ महतो पूरे झारखंड विधानसभा में एकमात्र ऐसे नेता थे, जिनकी रग रग में 1932 का खतियान बसा था।