Ramgarh : रामगढ़ के गोला में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। बताया जा रहा है कि आलू बोरे से लदे ट्रक ने ओवरटेक करने के दौरान स्कूली बच्चों से भरे एक स्कूल टेम्पो को टक्कर मार दी। उस टेम्पो में लगभग 12 बच्चे सवार थे। इस टक्कर के बाद ट्रक में लदे सारे आलू के बोरे बच्चों से भरे टेम्पो के उपर गिरने लगे जिसके बाद बच्चे रोने लगे। आसपास के लोगों की मदद से जब आलू से भरे बोरियों को हटाया गया तो पता चला की 3 बच्चों की मौत हो गई है। ऑटो चालक की भी मौत मौके पर ही हो गई है। साथ ही कई लोग घायल हैं।
मासूम बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन?
झारखंड सरकार ने राज्य में बढ़ते ठंड के प्रकोप को देखते हुए नर्सरी से 8 क्लास तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 7 जनवरी से 13 जनवरी तक बंद का आदेश दिया था। इस सरकारी आदेश का पालन रामगढ़ जिले के निजी स्कूल प्रबंधन ने नहीं किया। जिसका परिणाम यह हुआ की 3 मासूम बच्चों को जान गवानी पड़ी। सभी मृत बच्चे गुडविल मिशन स्कूल के छात्र थे। अब सवाल यह है कि जब झारखंड सरकार का आदेश था तो स्कूल प्रबंधन ने क्यों इसकी अवेहलना की? जब विधालयों को बंद करने का आदेश राज्य सरकार के तरफ से था तो रामगढ़ जिला प्रशासन ने इसे सख्ती से लागू कराने पर विचार क्यों नहीं किया?
अगर सरकारी आदेश का पालन करते हुए स्कूल बंद होते तो शायद इन बच्चों की जान बच जाती। घटना के बाद ग्रामीण ने रामगढ़-बोकारो सड़क मार्ग को जाम कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन के अधिकारियों सड़क को जाम मुक्त कराने का प्रयास किया। प्रशासन ने लोगों को समझाने की कोशिश की, पर इस सड़क हादसे से लोग इतने आक्रोशित थे, कि उन्होंने पुलिस प्रशासन की बात नहीं मानी। वहीं, रामगढ़ उपायुक्त ने मामले में संज्ञान लेते हुए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है।
मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री इरफान अंसारी और कल्पना सोरेन समेत कई नेताओं ने जताया शोक
इस दर्दनाक घटना ने पूरे झारखंड को हिला कर रख दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी शोक जताया है।
गाण्डेय विधायक कल्पना सोरेन ने भी दुख व्यक्त किया है।
झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी ने भी दुख जाहिर किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबुलाल मरांडी ने भी परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।