L19 Desk : देश कोरोना के कहर से उबरा ही था की अब HMPV वायरस ने दस्तक दी है। कोरोना की तरह हीka चाइना के बाद अब इंडिया में भी HMPV (ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस) वायरस तेजी से फैल रहा है। देश के कई राज्यों में इस राज्यों के मरीज पाये जा रहे है। इस वायरस से निपटने के लिए झारखंड स्वास्थय विभाग ने भी तैयारी शुरु कर दी है।
HMPV के बढ़ते मामलो को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को सांस संबंधी समस्य़ाओं से जुड़े मरीजों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है। इसके बाद झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने भी कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किये हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह ने RIMS निदेशक के साथ साथ राज्य के सभी सिविल सर्जनों के साथ आपातकालीन बैठक की।
बैठक में निर्देश दिया गया की सांस संबंधी बिमारियों से ग्रसित मरीजों आक्सीजन लेवल 80 से नीचे जाता है तो उन्हें HMPV के संदिग्धों के श्रेणी में रखें। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल RIMS में कोई जांच किट तो नहीं है लेकिन अगले दो दिनों में यह उपलब्ध हो जाएगा। सभी जिलों को निर्देश भी दिया गया है कि जिले संदिग्ध मरीजों के सैंपल RIMS भेजें, यहां से इसे NIV पुणे भेजा जाएगा।
घबराने की आवश्यकता नहीं है : RIMS निदेशक
RIMS निदेशक डॉ राजकुमार कहते हैं कि सात तरह के वायरस हैं जिनकी वजह से किसी इंसान का गला खराब होता है। इन सब में HMPV सबसे कमजोर वायरस की गिनती में आते हैं। इसकी वजह से गले के ऊपर ही इंफेक्शन होता है, यह इंफेक्शन फेफड़े तक नहीं जाता है। RIMS निदेशक का आगे कहना है कि इस वायरस से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन जिन्हें कोई गंभीर बिमारी है, इम्यूनिटी की समस्या है उन्हें विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
चिंता की कोई बात नहीं है : स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी
HMPV वायरस को लेकर किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है। झारखंड हर संभावित परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय से हम लगातार संपर्क में हैं।