कहा: हमारे पूर्वजों ने पहले ही CCL कंपनी को हजारों एकड़ जमीन विकास के नाम पर दी हैं, अब और जमीन नहीं दे सकते!
झारखंड के चतरा जिला स्थित टंडवा प्रखण्ड के अंतर्गत बेंती,मगरदाहा,विजैन,ठेना गाँव के रैयतों के साथ 25 अगस्त को यानी आज झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रांची द्वारा बुलाई गई पर्यावरणीय लोक सुनवाई का ग्रामीणों ने भारी विरोध किया और इसे रद्द करने की मांग की। ज्ञात हो कि इस जन-सुनवाई का मुख्य उद्देश्य इलाके में CCL द्वारा भूमिगत खनन हेतु लीज-पट्टे में रैयातों से भूमि अधिग्रहण करने की योजना है, जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में अधिकतर लोग गांवों में रहते हैं और उनका जीवन-यापन इन्ही जमीनों से चलता है। इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में भूमिगत खनन होने से आस-पास के गांवों में भूधसान की समस्या उत्पन्न होने का भी डर है, साथ ही भूमिगत खनन से इलाके का जलस्तर नीचे चला जाएगा, जिससे पानी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
इसके अलावा यहाँ की जल, जंगल, जमीन और मानव, पशु-पक्षियों की जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना भी जताई जा रही है। साथ ही इस इलाके के अधिकतर निवासी कृषि पर आश्रित हैं, ऐसे में इस इलाके में भूमिगत खनन चालू होगा तो लोगों के जीवन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ग्रामीणों का कहना है इससे पहले हमारे पूर्वजों ने विकास के नाम पर CCL कंपनी को हजारों एकड़ जमीन दे चुके है ,जिस पर पहले से ही खनन कार्य चल रहा है ऐसे में फिर से भूमिगत माइनिंग हेतु जमीन अधिग्रहण करना कहीं से उचित नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि CCL कंपनी को दिए गए हजारों एकड़ जमीन से बेघर हुए लोग आज भी विस्थापन की समस्या से दर दर भटक रहे हैं। ऐसे में फिर से हमारी जमीन पर कंपनी की बुरी नजर पड़ गई है जिसका ग्रामीण विरोध करते हैं।
बताते चले कि भूमिगत खनन हेतु बुलाई गई आज की पर्यावरणीय लोक जन सुनवाई को इलाके के ग्रामीणों ने रद्द करने की मांग की और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रांची द्वारा आयोजित जनसुनवाई को नामंजूर किया और हर कीमत पर इसे रद्द करने की मांग की। इस जन सुनवाई बैठक में टंडवा प्रखण्ड के किचटो पंचायत के मुखिया संगीता देवी, पंचायत समिति भाग-1 सुनीता देवी, भाग-2 इना कुमारी, बहेरा पंचायत मुखिया रेखा कुमारी, पंचायत समिति बसंती देवी से लेकर कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे और सबों ने एक सुर में कहा कि किसी भी कीमत पर इस इलाके में भूमिगत खनन को होने नहीं दिया जाएगा और इसका ग्रामीण तबतक जोरदार विरोध करते रहेंगे, जबतक यह योजना पूरी तरह रद्द ना हो जाए।