L19 DESK : राजधानी रांची में सेना के कब्जेवाली जमीन की अवैध बिक्री से लेकर अन्य जमीन घोटालों पर प्रवर्तन निदेशालय की दबीश बढ़ गयी है। गुरुवार चार मई को एक बार फिर रांची के उपायुक्त रहे छवि रंजन से दुबारा पूछताछ की जायेगी। उनसे पहली बार 24 अप्रैल को इडी ने पूछताछ की थी। जिस तरह इडी की तरफ से पूछताछ की जा रही है, उससे कई खुलासे हो रहे हैं। अब तक पूरे प्रकरण में सात लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं।
पूर्व डीसी आइएएस छवि रंजन समेत अवर निबंधक रांची वैभव मनी त्रिपाठी, कोलकाता के अपर निबंधक त्रिदीप मिश्रा से इडी ने पूछताछ कर ली है। इडी की तरफ से जगतबंधू टी इस्टेट के प्रबंध निदेशक दीलीप घोष समेत डीड राइटर , जमीन ब्रोकरों को आठ मई और दस मई को बुलाया गया है।
कोलकाता के अपर निबंधक त्रिदीप मिश्रा ने जो जानकारी दी है, उसमें कोलकाता के मबानिबंधक को भी नोटिस भेजने की तैयारी की है। अब इडी इनसे पूछताछ करेगी कि जब फरजी दस्तावेज की जानकारी उन्हें मिली, तो जांच क्यों नहीं करवायी गयी। इस मामले को क्यों दबाया गया, क्या कारोबारी जगत बंधू टी इस्टेट, अमित अग्रवाल अथवा विष्णु अग्रवाल ने ब्रोकरों के कहने पर दबाव बनाया। कोलकाता के एडिशनल रजिस्ट्रार त्रिदीप मिश्रा को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
उन्हें जरूरत पड़ने पर दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। मंगलवार को रांची स्थित इडी के क्षेत्रीय कार्यालय में उन्होंने अधिकारियों के कई सवालों के जवाब दिए। पहले तो उन्होंने जालसाजी के किसी भी तरह के मामले की जानकारी होने से इनकार कर दिया। इडी के अधिकारियों ने जालसाजी के सिलसिले में भेजे गये पत्रों का उल्लेख किया उनके सामने कई अहम सबूत रखे।
दूसरी तरफ ईडी इन अधिकारियों की संपत्ति के संबंध में भी जानकारी इकट्टा कर रही है। इडी ने पूछताछ के दौरान त्रिदीप मिश्रा और उनके पारिवारिक सदस्यों की आमदनी और संपत्ति से संबंधित जानकारी भी ले ली है। जमीन खरीद बिक्री के मामले में रांची के तत्कालीन उपायुक्त छविरंजन से एक बार पूछताछ हो चुकी है।