L19/Dumka : संताल अकादमी के द्वारा संताली स्पोकन कोर्स का शुरूआत हो चुकी है.विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) सोनाझारिया मिंज के अध्यक्षता में कोर्स का विधिवत उद्घाटन किया गया.। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर दुमका के उपायुक्त श्री रवि कुमार शुक्ला उपस्थित हुए तथा संताल अकादमी, सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका के तत्वाधान में विश्वविद्यालय माननीय कुलपति प्रो डॉ सोनाझारिया मिंज के अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के मिनी कॉन्फ्रेंस हॉल में “संताली स्पोकन कोर्स” का उद्घाटन किया गया।
कार्यक्रम का शुरुआत अमर शहीद सिदो कान्हू मुर्मू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित एवं विश्वविद्यालय कुलगीत गाकर शुरू किया गया। कोर्स के पाठ्यक्रम कुल 90 घंटा का कोर्स है और पाठ्यक्रम बहुत ही सहज बनाया गया है। कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राएं बहुत ही सरलता से संताली सीख सकते हैं और बोल सकते हैं। आम बोलचाल एवं सभी जगह उपयोग में आने वाले शब्द एवं भाषा का समावेश इस सिलेबस में शामिल हैं। निश्चय ही यह कार्यक्रम संताल परगना एवं झारखंड में लाभदायक साबित होगी।
यह कोर्स संताल परगाना और झारखंड के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यहां डिग्री के पढ़ाई तो होती ही है इसके साथ ही संताल अकादमी के द्वारा इसका पहल करना यहां के संताली भाषा प्रेमियों के लिए हर्ष का विषय है। यह संताल बहुल इलाका है। यहां कई पदाधिकारी ऐसे हैं जो संताली में संवाद नहीं कर सकते हैं उनके लिए यह सबसे अच्छा अवसर है कि संताली भाषा कोर्स में दाखिला प्राप्त करके संताली भाषा सीखे और यहां के लोगों के साथ संताली भाषा में बात करें। विश्वविद्यालय के पदाधिकारी और शिक्षक भी इस कोर्स का लाभ उठा सकते हैं।
ऐसा कोर्स का शुरुआत होने से संताली भाषा के साथ-साथ साहित्य और संस्कृति का भी विकास होगा। इसलिए इस कोर्स को निरंतर और सुचारु रूप से चलाना जरूरी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीसी रवि कुमार शुक्ला ने कहा कि संताल अकादमी और यूनिवर्सिटी ने संताली भाषा क्षेत्र में बहुत बड़ा काम किया है, जिस चीज की आवश्यकता थी उन्होंने इस चीज का शुरुआत करके निश्चित तौर पर ऐतिहासिक काम किया होगा। निश्चय ही यह संताल अकादमी का बहुत बड़ा उपलब्धि साबित होगा। इस कोर्स की शुरुआत से जो संताली भाषा नहीं जानते हैं उनके लिए सीखने का एक अच्छा अवसर साबित होगी साथ ही साथ संताल परगाना में जितने भी पदाधिकारी और कर्मचारी है, यहां के लोगों के साथ संताली से संवाद करने में कष्ट उत्पन्न होती है वह इस कोर्स में दाखिला प्राप्त करके अपनी कठिनाई दूर कर सकते हैं और सहजता के साथ यहां के लोगों के साथ संताली भाषा में संवाद स्थापित कर सकेंगे।
रिपोर्ट- बिनोद त्रिवेदी, दुमका