L19 Desk : झारखंड में आज सुबह 3 स्कूल जाते बच्चों की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गयी। इन सभी बच्चों की उम्र मात्र 5 साल से लेकर 12 साल के बीच थी। लेकिन एक मिनट, हमने लिखा स्कूल जाते बच्चे, और आपने बिल्कुल ठीक सुना स्कूल जाते बच्चे, जो एलकेजी से लेकर चौथी-पांचवीं कक्षा में होंगे। आपको लग रहा होगा कि ये महज़ एक रोड एक्सीडेंट ही तो है, लेकिन असल में ये मासूम बच्चों की हत्या है, और इस हत्या के आरोप में स्कूल प्रशासन को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिये। इस हत्या के लिए रामगढ़ जिला प्रशासन की भी जिम्मेवार है।
एक तरफ पूरे राज्य भर में LKG से 8वीं तक के सभी सरकारी से लेकर प्राइवेट स्कूलों को 13 जनवरी तक बंद करने का आदेश दिया गया है, वहीं, दूसरी तरफ इन आदेशों को कुछ स्कूल चंद पैसों के लिये धज्जियां तो उड़ा ही रहे हैं, और तो और बच्चों की जान लेने के लिये भी जिम्मेदार हैं। पहले आपको पूरी घटना के बारे में बताते हैं। घटना दरअसल, रामगढ़ के गोला की है। आज 8 जनवरी को अहले सुबह इसी रामगढ़-बोकारो मार्ग स्थित गोला-तिरला मोड़ के पास तीन स्कूली बच्चों और एक ऑटो चालक की मौत हो गयी। मतलब तीन स्कूली बच्चे समेत चार लोग रोड एक्सीडेंट में अपनी जान गंवा बैठे।
जानकारी के मुताबिक, आलू लदे ट्रक ने ऑटो में जोरदार टक्कर मारी। टक्कर इतनी खतरनाक थी कि ऑटोरिक्शा में बैठे तीन स्कूली बच्चों समेत ड्राइवर की भी मौत हो गई। वहीं, उसी ऑटो में सवार 11 स्कूली बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये हैं। ट्रक चालक को भी काफी चोट आयी है। सभी घायलों का स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है। ये सभी बच्चे गुड विल मिशन स्कूल, तिरला के स्टूडेंट्स हैं, जान गंवाने वाले भी, और जो बच्चे घायल हैं- वे भी। जानकारी के अनुसार, गुड विल स्कूल के बच्चे सुबह अपने घर से ऑटो में सवार होकर स्कूल जा रहे थे, तभी रास्ते में ये बड़ा हादसा हो गया, बच्चे अपनी जान गंवा बैठे, और इन मासूमों के मां-बाप बिलख बिलख कर रोने को मजबूर हैं।
मृतकों की पहचान अनमोल कुमार (6), आशीष कुमार (6) और ऑटो चालक सरफराज अंसारी के रूप में हुई है। वहीं, एक बच्चे की पहचान नहीं हो पायी। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने रामगढ़-बोकारो मार्ग को जाम कर दिया। वहीं, दुर्घटना की सूचना पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। रामगढ़ विधायक ममता देवी भी घटनास्थरल पहुंची थीं। पुलिस-प्रशासन ने लोगों को समझाने की कोशिश की, पर इस सड़क हादसे से लोग इतने आक्रोशित थे, कि उन्होंने पुलिस प्रशासन की बात नहीं मानी। वहीं, रामगढ़ उपायुक्त ने मामले में संज्ञान लेते हुए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है। घटना है ही इतनी दर्दनाक। अब हो सकता है कि इस घटना को केवल रोड एक्सीडेंट के नज़रिये से ही देखा जाये, ट्रक चालक को गलत ठहराया जाये, ये जो कुछ भी हो, ये जांच का विषय है। लेकिन असल मायनों में बच्चों की जान तो स्कूल वालों ने ली है। ये सरासर हत्या ही है।
स्कूल का नाम है गुड विल, लेकिन प्रबंधन का इरादा बिल्कुल भी गुड नहीं है। भला ये कौन सा गुड विल है कि बच्चों की जान लेने पर उतारू हो जाओ। राज्य में इस वक्त कड़ाके की ठंड पड़ रही है, हर तरफ केवल कोहरा है। सुबह के वक्त में तो कुहांसे के कारण कुछ दिखायी भी नहीं देता। इतने कोहरे के सुबह-सुबह गाड़ी चलाने में रिस्क है, स्कूल बस के ड्राइवर का खुद गाड़ी में हाथ कांपेगा, कोहरे के वजह से कुछ दिखायी नहीं देगा, तो बड़ी दुर्घटना घट सकती है। इन सभी चीज़ों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने LKG से आठवीं तक के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया। लेकिन ये गुड विल स्कूल तो अकेले महान है, जिसने नियमों का उल्लंघन करके कड़कड़ाती ठंड में भी बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा अपने सिर पर ले रखा है।
कोहरे के बीच बच्चे सुबह-सुबह ऑटो के सहारे स्कूल जाने पर मजबूर हो गये। ज़ाहिर सी बात है, उन्हें स्कूल आने को कहा गया होगा, स्कूल प्रबंधन ने छुट्टी नहीं दी होगी, या फिर छुट्टी का नोटिस जारी नहीं किया होगा। और मान लीजिये, आज बच्चे बच भी जाते अगर कोई सड़क हादसा नहीं होता। क्या पता कोई दूसरा बच्चा स्कूल जाने के चक्कर में ठंड से ही मौत का शिकार हो जाता, क्या इसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन लेगा, बेशक नहीं। जब उनसे पूछा जायेगा इस घटना के बारे में, तो वे लोग शोक जतायेंगे, बच्चों की आत्मा को शांति मिले, इसकी कामना करेंगे। मां बाप को हौसला रखने को कहेंगे, लेकिन बड़ी बेशर्मी के साथ अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेंगे, ट्रक चालक पर दोष मढ़ देंगे, मौत का शिकार हुए ऑटो चालक को भी जिम्मेदार ठहरा सकते हैं, कि वह अपने ऑटो में इतने सारे बच्चों को लोड करके कैसे ले जा सकता है, इसमें कोई बड़ी बात नहीं है।
सोंचिये, अगर स्कूल ने सरकार के आदेश का पालन किया होता, तो इन बच्चों की जान बच जाती। वहीं, दूसरी तरफ हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई, और मृतकों के परिवार वाले दहाड़ें मारकर रोने लगे। उन्होंने स्कूल प्रबंधन पर मनमानी करने का आऱोप लगाया है। वहीं, इस एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले ऑटो चालक को लेकर भी खूब बवाल मच रहा है। आक्रोशित लोग मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। मौके पर मौजूद स्थामनीय लोगों ने बताया कि ऑटो चालक घर का इकलौता कमाने वाला था। उसकी मौत के बाद परिजनों के सामने उनके भरण-पोषण की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है।
इस घटना ने फिलहाल तूल पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन समेत अन्य मंत्रियों ने भी इस दुर्घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। हेमंत सोरेन ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि रामगढ़ के गोला में स्कूल वैन और ट्रक की टक्कर से वैन चालक समेत 3 बच्चों के निधन की दुःखद खबर से मर्माहत हूँ। मरांग बुरु दिवंगत लोगों की आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे। दुर्घटना में घायल बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है। खैर, अब देखना होगा कि गुड विल मिशन स्कूल पर क्या एक्शन लिया जाता है, बच्चों के मौत पर सरकार कितनी सख्ती दिखाती है।