L19/Ranchi : आखिर 18 सितंबर 2019 को प्रदीप प्रसाद ने रांची के श्रीराम बाल बियरिंग्स लिमिटेड के नाम पर कैसे किया था छद्म समझौता। इस समझौते में हजारीबाग के आनंदपुरी कालोनी के रहनेवाले प्रदीप प्रसाद ने बंद पड़ी श्रीराम बाल बियरिंग्स लिमिटेड (एसबीएल) को 28 करोड़ रुपये में खरीदने की हामी भरी थी। इसको लेकर कोलकाता में एसबीएल निदेशक प्रशांत चंद्र सेन (पीसी सेन) से गुप्त समझौता प्रदीप प्रसाद ने किया था। समझौते में यह लिखा गया था कि पीसी सेन के लेक रोड स्थित पी-78 आवास में एक म्युचुअल एक्सेपटेंस नी थी कि एसबीएल इंडस्ट्रीज लिमिटेड का पूरा प्रबंधन प्रदीप प्रसाद अपने हाथों में ले लेंगे। इसमें सभी तरह के श्रमिकों की समस्या, बैंकों का कर्ज, देनदारों का कर्ज और कंपनी की चल और अचल संपत्तिके अलावा अन्य फैक्टरी शेड, मशीनरी, बंगलो की जवाबदेही प्रदीप प्रसाद संभाल लेंगे। सूत्रों का कहना है कि ऑफिशियल लिक्विडेटरों और वकीलों को प्रदीप प्रसाद ने 60 लाख से अधिक का भुगतान किया। पर पीसी सेन से समझौते में तय की गयी रकम का भुगतान नहीं किया गया। अब प्रदीप प्रसाद दावा कर रहे हैं कि वे कंपनी की लायबिलिटी के रूप में 150 करोड़ का भुगतान कर देंगे। कैसे करेंगे इसका कोई विकल्प नहीं है। हालांकि 31 मई 2023 को नयी दिल्ली में एसबीएल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयर ट्रांसफर मामले में एक याचिका दर्ज की गयी है। इस पर पीसी सेन समेत ऑफिशियल लिक्विडेटरों को नोटिस जारी किया गया है। यह भी कहा गया है कि एसबीएल इंडस्ट्रीज की जमीनों को बेचने में प्रदीप प्रसाद नये-नये तिक़ड़म अपना रहे हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए। कोर्ट से जमीन को बेचने पर लगाम लगाने की अपील भी की गयी है।
प्रदीप प्रसाद को समझौते के तहत देने थे फर्स्ट इंस्टालमेंट के दो करोड़
समझौते के तहत प्रदीप प्रसाद को कुल राशि में से पहली किश्त के रूप में दो करोड़ का भुगतान करना था। इसके अलावा नयी दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहे एसबीएल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के लिक्विडेशन मामले में आधिकारिक रूप से नियुक्त लिक्विडेटरों को भी मैनेज करना था। इसके लिए तीन करोड़ रुपये का भुगतान और करना था। नयी दिल्ली में एडवोकेट अमित गोयल और एसबीएल लिमिटेड के रांची के एडवोकेट के साथ भी तालमेल बैठाना था। कंपनी के शेयरों का ट्रांसफर 28 करोड़ रुपये के भुगतान के बाद करने की भी सहमति बनी थी। समझौते के मसौदे में कहा गया था कि एसबीएल इंडस्ट्रीज 2006 से लिक्विडेशन में चली गयी थी। दिल्ली हाईकोर्ट में कंपनी के खिलाफ 321 ऑफ 2001, सीए 2513, 4667 ऑफ 2016 और ओएलआर नंबर 548 ऑफ 2014 दर्ज किया गया है। तय हुई बातचीत में कहा गया था कि 9 सितंबर 2019 और 24 सितंबर 2019 को एसबीएल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्व निदेशक पीसी सेन को 35-35 करोड़ रुपये डीमांड ड्राफ्ट के माध्यम से दिये जायेंगे. समझौते में एसबीएल इंडस्ट्रीज की वैसी संपत्ति जो शिड्यूल ए की है, उसे भी प्रदीप प्रसाद को देने की बात कही गयी थी। इसमें रातू गांव के खेवट एक के खाता संख्या 426, खाता 03 की 11 एकड़ से अधिक जमीन भी देने की बातें थी, जो खाता संख्या 2184,स2172, 2173, 2174, 2175 और अन्य से जुड़े थे।
छद्म समझौता कर एसबीएल इंडस्ट्रीज लिमिटेड का अपने को मैनेजमेंट बना लिया था प्रदीप प्रसाद ने
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