L19 DESK : मणिपुर लगातार दो महीनों से सुलग रहा है, लेकिन यह आग अब तक शांत होने का नाम नहीं ले रहा। इस घटना को मद्दे नजर रखते हुए जानकार अब चेतावनी दे रहे हैं कि अगर इस आग को बुझाने की कोशिश नहीं की गई, तो यह पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भी फैल जाएगा। 4 मई से ही मणिपुर में कुकू समुदाय और मैतेई समुदाय के बीच लगातार हिंसा भयावाह है। आकड़ों के अनुसार करीब 150 लोग जान गंवा चुके हैं अबतक और 6 हजार से ज्यादा केस दर्ज कराए जा चुके हैं।
मिजोरम में मैतेई समुदाय कर रहा, पलायन
मिली सूचना के अनुसार, मिजोरम में बड़ी संख्या में मैतेई समुदाय के लोग पलायन कर रहे हैं। दरअसल, पूर्व उग्रवादियों की तरफ से एक एडवाइजरी जारी की गई है कि मणिपुर में हो रहे हिंसा के बीच सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। शनिवार से ही एक हजार से ज्यादा मैतेई समुदाय मिजोरम से असम राज्य के बराक घाटी में पहुंच चुके हैं।
असम में भी प्रतिक्रिया जारी
कछार में असम सरकार के द्वारा राहत शिविर लगाए गएहैं। यहाँ जिला प्रशासन के अलावा स्थानीय लोगो को भी सुरक्षा मुहैया कराया जा रहा है। अब ऑल असम मणिपुरी स्टूडेंट्स यूनियन (AAMSU) की तरफ से भी सोमवार को एक एडवाइजरी जारी कर दी गई है, जिसके तहत बराक घाटी के जिलों में रह रहे मिजो समुदाय के लोगों को जगह छोड़ने की सलाह दी गई है। मिली मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, AAMSU की तरफ से यह कहा गया है कि , ‘मिजोरम में रहने वाली अधिकांश मैतेई समुदाय असम के हैं। इस वाक्यात के बाद मिजोरम के व्यवहार ने असम के मैतेई समुदाय का गुस्सा भड़का दिया है। इस कारण से हम मिजो समुदाय को उनकी खुद की सुरक्षा के लिहाज से जल्द से जल्द बराक घाटी को खाली करने की सलाह देते हैं।