L19 DESK : हरमू रोड़ स्थित आजसू पार्टी मुख्यालय में आज यानी 22 फरवरी को प्रेस वार्ता आयोजित की गई. इस प्रेस वार्ता को गोमिया के पूर्व विधायक लंबोदर महतो और आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने संबोधित किया.
वहीं, अपने संबोधन में पूर्व विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि राज्य सरकार की मनमानी नीतियों के कारण पिछड़ा वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर निकाय चुनावों में “ट्रिपल टेस्ट” प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाना चाहिए, ताकि सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों की रक्षा हो सके.
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने नगर निकाय चुनावों के लिए “ट्रिपल टेस्ट” कराने का निर्देश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को दिया है, किंतु आयोग में अध्यक्ष का पद रिक्त है. इस स्थिति में किया जा रहा सर्वेक्षण केवल औपचारिकता बनकर रह गया है, और फोन पर किए जा रहे इस अव्यवस्थित सर्वेक्षण की पारदर्शिता संदेह के घेरे में है.
झारखंड में पूर्ववर्ती पंचायत निकाय चुनावों में मुखिया, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य आदि पदों पर पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण था. किंतु, हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में राज्य सरकार ने मनमाने ढंग से यह आरक्षण समाप्त कर दिया, जिससे 10,500 से अधिक पदों पर पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ. यह निर्णय न केवल सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है, बल्कि पिछड़े वर्गों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को समाप्त करने का एक प्रयास भी है.
इस अन्याय के खिलाफ आजसू पार्टी के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सर्वोच्च न्यायालय में Writ Petition (Civil) No. 239/22 दायर की. इस याचिका की सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को अपने शपथ पत्र के माध्यम से आश्वस्त किया कि भविष्य में कोई भी नगर निकाय अथवा पंचायत चुनाव “ट्रिपल टेस्ट” प्रक्रिया को पूरा किए बिना नहीं कराया जाएगा.