L19 Desk : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पिछले दिनों अडाणी ग्रुप के प्रबंध निदेशक की बैठक के बाद गोड्डा से कंपनी के पावर प्लांट से अब झारखंड को 400 मेगावाट बिजली मिलेगी। इसको लेकर ऊर्जा विभाग जल्द अडाणी समूह को पत्र भेजेगा। इसमें सरकार की तरफ से यह कहा जायेगा कि गोड्डा के पावर प्लांट से अडाणी समूह बांग्लादेश को 16 सौ मेगावाट बिजली भेज रहा है। जबकि यह प्लांट झारखंड में है, प्लांट में झारखंड का कोयला भी इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसे में कुल उत्पादन का एक चौथाई यानी 25 फीसदी बिजली झारखंड को मिलना चाहिए। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने अडानी ग्रुप के एमडी राजेश अडानी ने मुलाकात की थी। जिसमें सरकार ने शर्तों के तहत 400 मेगावाट बिजली सस्ती दर पर उपलब्ध कराने का मुद्दा उठाया था। बताते चलें कि गोड्डा के अडाणी पावर प्लांट से तय लक्ष्य के अनुसार, 800-800 मेगावाट के दो यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो चुका है। जिसमें बांग्लादेश को 1457 मेगावाट बिजली भेजी जा रही है। अब तक झारखंड को एक यूनिट भी बिजली नहीं मिली। रघुवर सरकार के समय अडाणी समूह और झारखंड सरकार के साथ हुए समझौते के लिहाज से झारखंड को प्राथमिकता देने की बात हुई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजेश अडानी ने सीएम को आश्वस्त किया है कि अडाणी के दूसरे प्लांट से एमओयू के अनुसार, 400 मेगावाट बिजली दी जाएगी। भारत और बांग्लादेश सरकार के बीच 2017 में हुए एमओयू के अनुसार, अडानी पावर प्लांट गोड्डा के पावर प्लांट से 1600 मेगावाट बिजली देता रहेगा. यानी की अब गोड्डा पावर प्लांट से झारखंड को बिजली मिलने की उम्मीद नहीं है। अडानी समूह के गोड्डा पावर प्लांट को लेकर तत्कालीन विधायक प्रदीप यादव ने कई तरह के सवाल ख़ड़ा किये थे। प्रदीप यादव को जेल तक जाना पड़ा.