L19 DESK : एक ओर जहां कल्पना सोरेन पर भाजपा द्वारा लगातार तंज कसा जा रहा है, सरकारी कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी पर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं, दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अब इसका जवाब ढूंढ लिया है। बेहद कम समय में झारखंड की राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाली कल्पना सोरेन की लोकप्रियता, बेबाकी और वाचन शैली को ध्यान में रखते हुए जेएमएम ने अब उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थापना दिवस के अवसर पर कल्पना सोरेन नयी पहचान और नयी जिम्मेदारियों के साथ मंच पर नज़र आयेंगी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा 4 फरवरी को अपने 53वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है, जिसका आयोजन धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में होगा। झामुमो की स्थापना 4 फरवरी, 1973 को धनबाद के इसी गोल्फ ग्राउंड में शिबू सोरेन, बिनोद बिहारी महतो और एके राय द्वारा की गई थी। अब इस दिन को खास और यादगार बनाने के लिये एक भव्य कार्यक्रम रखा जायेगा, जहां पार्टी ने इस साल 25,000 से अधिक लोगों को जुटाने का लक्ष्य रखा है। कार्यक्रम में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कई मंत्री और वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
इस अवसर पर पहली बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन झामुमो के मंच पर नई पहचान के साथ नजर आएंगी। वहीं, खबर मिल रही है कि स्थापना दिवस के इस भव्य कार्यक्रम के दौरान पहली बार झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन मौजूद नहीं होंगे। स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से उनके कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना कम है। हालांकि, उनकी अनुपस्थिति में भी पार्टी इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
वहीं, सूत्रों से ये भी जानकारी मिल रही है कि स्थापना दिवस जैसे बड़े कार्यक्रम के बीच पार्टी में पदों को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष की कमान मुख्यमंत्री सह जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के हाथों में चली जायेगी, क्योंकि वर्तमान अध्यक्ष शिबू सोरेन का स्वास्थ्य अब कुछ ठीक नहीं रहता, जिसके वजह से पार्टी के फैसलों में अपनी भूमिका अदा नहीं कर पाते। न ही वह अपनी सलाह दे पाते हैं। दिशोम गुरु को चलने-फिरने यहां तक कि बोलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से पार्टी से संबंधित सारे फैसले कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ही लेते हैं। जेल में रहने के दौरान भी पार्टी का नेतृत्व उनके ही हाथों में था। ऐसे में संभावना है कि हेमंत सोरेन को सीधे अब झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष की कमान मिल जायेगी। वहीं, कार्यकारी अध्यक्ष का पद कल्पना सोरेन को मिलने की संभावना जतायी जा रही है।
दरअसल, झारखंड के विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार दमदार जीत हासिल करने के बाद झामुमो पार्टी अपने जोशिले अंदाज़ में दिखायी दे रही है। हेमंत सोरेन अब अपनी पार्टी का देशभर में विस्तार करने की रणनीति बना रहे हैं। इसकी शुरुआत आगामी दिल्ली विधानसभा इलेक्शन्स से होने जा रही है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद देश ही नहीं, दुनियाभर में उनका नाम सुर्खियों में रहा। हालांकि, ये सुर्खियां हेमंत सोरेन के पक्ष में ही दिखायी दी, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी ने उन्हें वर्तमान में देशभर के सबसे बड़े और लोकप्रिय आदिवासी नेता के रूप में पहचान दे दी है। वहीं, मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी ने जिस बोल्ड और अनोखे अंदाज़ में कल्पना सोरेन ने राजनीति में शिरकत की, उसने झामुमो में एक नयी जान डाल दी। हेमंत और कल्पना अब महज़ अपनी पार्टी झामुमो ही नहीं, बल्कि इंडिया गठबंधन के भी बड़े नेताओं में गिने जाने लगे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान और चुनाव जीतने के बाद हेमंत और कल्पना की जोड़ी को आदिवासियों के आइकन के तौर पर देखा जाने लगा है।
इसलिये आये दिन हर दूसरे सरकारी प्रोग्राम में हेमंत और कल्पना साथ-साथ नज़र आते हैं। हालांकि, अब कल्पना सोरेन की मौजूदगी को लेकर सवाल भी खड़े होने लगे हैं। इस मसले पर विपक्षी दल भाजपा लगातार मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन पर हमलावर है। हेमंत और कल्पना को बंटी बबली की जोड़ी करार देने वाली भाजपा का कहना है कि कल्पना सोरेन महज़ एक विधायक हैं, लेकिन झामुमो ने उन्हें मंत्रियों से भी ऊपर का दर्जा दे दिया है। सरकारी कार्यक्रमों में भी कल्पना को मंत्रियों से आगे जगह दी जाती है, वह भले ही मुख्यमंत्री की पत्नी हैं, लेकिन उन्हें विधायक रहते अपना पद नहीं भूलना चाहिये।
वहीं, बता दें कि जेएमएम ने फिलहाल कल्पना सोरेन को पार्टी में कोई पद नहीं दिया है। लोकसभा और विधानसभा- दोनों ही चुनावों में कल्पना सोरेन झामुमो की स्टार कैंपेनर थीं। जेएमएम ही नहीं, बल्कि पूरे इंडिया गठबंधन ने कल्पना सोरेन के बदौलत चुनावों में जीत हासिल की। इसलिये अब संभावना बन रही है कि पार्टी में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। उन्हें जेएमएम का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है, जिसकी घोषणा 4 फरवरी को पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर की जा सकती है।