L19 DESK : झारखंड में 47 स्थानीय निकायों में चुनाव कराने को लेकर सरकार असमंजस की स्थिति में है। नगर निगम चुनाव को लेकर ट्रिपल टेस्ट आधार पर चुनाव कराया जाना है। निकायों के चुनाव को लेकर राज्य सरकार की तरफ से अन्य पिछडा वर्ग के लिए आरक्षण स्पष्ट नहीं किये जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में रांची, देवघर, पलामू, आदित्यपुर, चास, हजारीबाग, धनबाद समेत 47 निकायों में चुनाव कराने तक सरकार ने संबंधित निकायों के प्रशासक को अगले आदेश तक जवाबदेही सौंप दी ह
नगर निकायों का चुनाव नहीं होने पर राज्य सरकार को केंद्रीय सहायता का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। 15वें वित्त आयोग से झारखंड को 16 सौ करोड़ रुपये मिलने हैं। इस वित्तीय सहायता से झारखंड को वंचित होना पड़ सकता है। तय समय पर चुनाव नहीं होने से वित्त आयोग की सहायता पर रोक लगायी जा सकती है। राज्य के 13 नगर निकायों में तीन वर्षों से चुनाव नहीं हुए हैं। वहीं 34 अन्य शहरी निकायों का कार्यकाल 28 अप्रैल 2023 से समाप्त हो गया है।
संविधान के 74वें संशोधन अधिनियम में कहा गया है कि राज्यों में स्थानीय निकायों का चुनाव नहीं होने से स्थानीय निकाय कमजोर और प्रभावशाली नहीं रहे। शहरी विकास, शहरों में नागरिक सुविधाएं विकसित करने तथा अपना संसाधन बढ़ाने के लिए नगर निकायों के लिए केंद्र सरकार द्वारा वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर राज्य सरकारों को अनुदान दिया जाता है। निकाय चुनाव नहीं होने की वजह से शहरी आधारभूत संरचना विकसित करने की योजनाओं पर ब्रेक लग सकता है।