L19/Desk. झारखंड शराब व्यापारी संघ के महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने शनिवार को प्रेस कांफेरंस कर सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सरकार की क्या मज़बूरी हैं जो बिना बैंक गारंटी का आज साढ़े चार महिना हो चूके हैं और प्लेसमेंट एजेंसी काम कर रही हैं राज्य में इसलिए मनमाने ढंग से ओवरप्राइसिंग पानी मिला हुआ दो नम्बर की शराब आए दिन मिल रहा हैं, इसका जवाब कोन देगा। राज्य के मुख्य मंत्री एवं उत्पाद मंत्री से संघ ने मांग किया हैं कि आदेश देने वाले अधिकारी की जाँच होनी चाहिए नही तो संघ सिबिआई एवं विजिलेंस से जांच करने कि मांग करेगी ।
किस अधिकारी के आदेश से साडे चार महिना बिना बैंक गारंटी के काम प्लेसमेंट एजेंसी राज्य में कर रही हैं मेन पॉवर का जबकि प्लास्मेंन्ट एजेंसी की बैंक गारंटी 48 करोड़ ही जमा था और उसको उत्पाद विभाग द्वारा जप्त कर लिया गया हैं । अगर 48 करोड़ ही जमा था और उसको उत्पाद विभाग द्वारा जपत कर लिया गया हैं सवाल उठता हैं कि 48 घंटा के अंदर ही टॉपऑप डालना रहता हैं लेकिन आजतक बिना बैंक गारंटी के ही एजेंसी छत्तीसगढ़ के काम कर रही हैं यह क्या उचित हैं।
क्या मज़बूरी रही हैं की 1 वर्ष में 4 उत्पाद कमिश्नर को बदल दिया जा रहा। इससे यह समझ आ जाता हैं कि उत्पाद सचिव की बात को ध्यान नही देने की वजह से ट्रांसफर कर दिया जा रह हैं। एक कमिश्नर सिर्फ 3 महीने रहे। संघ ने मुख्यमत्री से मांग की हैं की उत्पाद सचिव से पूछा जाना चाहिए कि 2022-23 शराब निति केस कैसे असफल हुआ और बिना बैंक गारंटी के प्लेसमेंट कंपनी अपना लक्ष्य पूरा कैसे नही कर पा रही हैं और काम कर रही हैं जैसे होलसेल संचालन का काम जेएसबीसीएल को बिच में ही दे दिया गया उसी तरह शराब दुकान का भी संचालन जेएसबीसीएल को ही दे देना चाहिए। पछले साल 2300 करोड़ कि लिखित दिया गया था पर आज 4.5 सौ करोड़ पीछे चल रहा हैं। इसकी भरपाई कन्सलटेंसी छतीसगढ़ करेगी या सचिव।
संघ ने राज्य के मुख्य मंत्री एवं उत्पाद मंत्री से मांग कि एक साइज़ विभाग को एक और अनेक साइज में बदलाव न कर एक साइज ही राहने दिया जाए जिससे राज्य सरकार को राजस्व एडवांस आजाए और राज्य के शराब व्यापारी सुचारूरूप से दुकान चला क्र सुरक्षित राशी की और सरकार ध्यान देना चाहिए न की असुरक्षित की और जाना चाहिए।