L19/DESK : प्रथम व द्वितीय JPSC संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की सीबीआइ जांच व राज्य सरकार की ओर से दायर अपील याचिका पर झारखण्ड हाई कोर्ट ने कल सुनवाई की। मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने CBI द्वारा प्रस्तुत 2014 की स्टेटस रिपोर्ट को देखा, इसके बाद सीबीआइ के SP को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन जुड़ने का निर्देश दिया,परंतु किसी कारण से समय एसपी शामिल नही हो पाएँ,बाद में सीबीआइ पटना के डीआइजी वर्चुअल उपस्थित हुए। इस संबंध में खंडपीठ ने सीबीआइ डीआइजी को दो सप्ताह का समय देते हुए 30 अगस्त तक जांच की स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया। खंडपीठ ने डीआइजी से पूछा कि जांच आज किस स्टेज में है, साथ ही यह भी बताने को कहा कि किन-किन आरोपियों के खिलाफ कब-कब अभियोजन की स्वीकृति मांगी गयी है।खंडपीठ ने शपथ पत्र के माध्यम से अद्यतन जानकारी देने का निर्देश दिया, साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 सितंबर को निर्धारित की।
बताते चलें कि राज्य सरकार ने उनकी सेवा को संपुष्ट भी किया है तथा लगातार प्रोन्नति भी दी है,वैसी स्थिति में राज्य सरकार की अपील याचिका पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बुद्धदेव उरांव व पवन कुमार चाैधरी ने जनहित याचिका दायर कर JPSC परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की थी,वहीं राज्य सरकार की ओर से अपील याचिका दायर कर 19 अधिकारियों के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गयी है। रिपोर्ट पेश करने के लिए विस सचिव को मिला समयहाइकोर्ट ने झारखंड विधानसभा में 150 से अधिक अवैध नियुक्तियों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने विधानसभा सचिव का पक्ष सुनने के बाद समय देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया। खंडपीठ ने जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विधानसभा सचिव को समय प्रदान किया साथ ही जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की एक सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट अगली सुनवाई के पूर्व प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इधर खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 4 अक्तूबर को निर्धारित की है।