L19 Ranchi : मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंदा सेन की पीठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के समन के विरुद्ध दायर याचिका बुधवार को सुनवाई की। मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की गई है। जमीन घोटाले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के समन के खिलाफ मुख्यमंत्री की याचिकापर 6 अक्टूबर के बाद आज सुनवाई हुई।
सीएम हेमंत ने ईडी के समन को चुनौती देते हुए उसे रद्द करने की मांग की है। आज मामले में सीएम की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में वरीय अधिवक्ता पी चिदंबरम और अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने पक्ष रखा। मुख्यमंत्री के पैरवीकार अधिवक्ताओं ने कोर्ट को कहा कि उनके मुवक्किल पर किसी तरह का आपराधिक मामला कहीं दर्ज नहीं है। ईडी उन्हें समन भेज-भेज कर परेशान कर रही है। ईडी मामले में 13 अक्टूबर को पक्ष रखेगी। इडी की तरफ से सहायक सोलिसिटर जनरल एसवी राजू और अन्य उपस्थित थे।
सीएम ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई को चुनौती देते हुए ईडी के समन के खिलाफ 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई से इनकार कर दिया और उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा। इसके बाद सीएम ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, इसकी सुनवाई चल रही है। इससे पहले सीएम को ईडी द्वारा पांच बार समन भेजा जा चुका है। ईडी ने अपने पहले समन में 14 अगस्त को उन्हें ईडी दफ्तर बुलाया था।इसके लिए सीएम को ईडी ने 8 अगस्त को पहला समन भेजा था। पहले समन में सीएम ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे।
इस दौरान सीएम सचिवालय से ईडी कार्यालय चिट्ठी भिजवाया गया था जिसमें सीएम की ओर से कहा गया था ईडी अपना समन वापस लें, मैं कानूनी सलाह ले रहा हूं. इसके बाद दूसरी बार ईडी की तरफ से 19 अगस्त को समन भेजकर 24 अगस्त (गुरूवार) को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया था। सीएम ईडी के इस बुलावे पर भी ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे थे उस समय भी यानी 24 अगस्त को मुख्यमंत्री की जगह सचिवालय से सूरज कुमार नाम का एक कर्मी सील बंद लिफाफे में एक चिट्ठी लेकर ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा था।