L19 Desk : झारखंड में बढ़ रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में बांग्लादेश हो रहे घुसपैठ पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर मैंने मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री से बात की है।
कहा, यह बहुत खतरनाक है क्योंकि विदेशियों की घुसपैठ आदिवासियों की जीवनशैली उनकी परंपरा को बदल देगी। खासकर जब वे आकर आदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं, यह तो चिंताजनक है। हमें इसे लेकर बहुत सतर्क रहना होगा। मैंने इस मुद्दे को सीएम के साथ-साथ मुख्य सचिव के सामने भी उठाया है। आदिवासी परंपरा नहीं बदलनी चाहिए और विदेशियों की घुसपैठ से झारखंड की जनसांख्यिकी नहीं बदलनी चाहिए। हमें इस बारे में बहुत सावधान रहना चाहिए। राज्य में बढ़ते बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आवाज उठाई है।
झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे लेकर पहले भी कई बार ट्वीट किए हैं और सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है। भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने खास बातचीत में बांग्लादेशी घुसपैठ को एटम बम से भी ज्यादा खतरनाक बताया था। राज्यपाल भी इस मामले पर अब अपनी चिंता जाहिर कर रहे हैं। इस मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गयी है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड में कैसे घुस रहे हैं? केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूछा कि संथाल परगना के सीमावर्ती इलाकों में बांग्लादेशियों के घुसपैठ की जानकारी है या नहीं? घुसपैठ हो रहा है तो उसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए? डेनियल दानिश ने यह जनहित याचिका दायर की है।
कहा गया है कि जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज सहित झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठ कर रहे हैं। इन जिलों में जनसंख्या पर असर पड़ रहा है। इन जिलों में बड़ी संख्या में मदरसे बनाए जा रहे हैं। स्थिति ऐसी हो गई है कि स्थानीय ट्राइबल को गुमराह कर उनसे शादी की जा रही है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय बताए कि आखिर घुसपैठ कैसे हो रहा है। सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से एडवोकेट प्रशांत पल्लव ने पैरवी की। एनआरसी लागू करवाने के लिए करीब पांच साल पहले झारखंड सरकार ने एक रिपोर्ट बनवाई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकुड़ और साहिबगंज जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की आबादी तेजी से बढ़ी है। झारखंड से बांग्लादेश की सीमा महज 40 किमी दूर है। झारखंड में फरक्का, उढ़ावा, पीयारपुर, बेगमगंज, फूकदकीपुर, दियारा, चांदशहर और प्राणपुर आदि इलाकों से बांग्लादेशी घुसपैठियों की आवाजाही हो रही है।
बता दे दोनों जिलों की एक तिहाई से ज्यादा आबादी मुस्लिम है। 2001 में पाकुड की आबादी 7 लाख 1 हजार 664 थी, जिसमें मुस्लिमों की आबादी 2 लाख 32 हजार 373 थी। यानी कुल आबादी का 33 प्रतिशत। वहीं, 2011 में पाकुड़ की आबादी 9 लाख 422 हुई, जिनमें मुस्लिम आबादी 3 लाख 22 हजार 963 हो गई। यानी कुल आबादी का 33.87 प्रतिशत और 2001 में साहिबगंज की आबादी 9 लाख 27 हजार 770 थी, जिनमें मुस्लिम आबादी 2 लाख 70 हजार 423 थी। यानी 29.15 प्रतिशत। 2011 में कुल आबादी 11 लाख 50 हजार 567 हो गई, जिनमें मुस्लिम 3 लाख 8 हजार 343 हो गई। यानी 26.80 प्रतिशत।