L19/Bokaro: बोकारो थर्मल के इतिहास में मंगलवार को एक नया अध्याय जुड़ गया। बोकारो थर्मल में 368 करोड़ की लागत से एफजीटी प्लांट से डीवीसी बोकारो ताप विधुत केंद्र में कुशल पूर्वक कनेक्ट कर लिया गया है। मंगलवार को स्थानीय प्रबंधन ने 500 मेगावाट की बी प्लांट को लाइटप कर दिया है। देर रात से बीटीपीएस से प्रदुषण मुक्त बिजली उत्पादन शुरू हो जाऐगी। एफजीटी प्लांट से कनेक्ट होने के बाद बीटीपीएस प्लांट से निकलने वाली छाई प्रदुषण से आमलोगों को पूरी तरह मुक्ति मिल गयी।
368 करोड़ की लागत से एफजीटी प्लांट लगाया गया है।
एफजीटी प्लांट को डीवीसी के पावर प्लांट से कनेक्ट करने के लिए 25 जून की रात कोलकाता मुख्यालय से दस दिनों के लिए प्लांट से बिजली उत्पादन बंद कर दिया गया था। उस समय प्लांट से 500 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा था। पर्यावरण के नये मापदंड को लागू करने तथा प्रदूषण नियंत्रण को बोकारो थर्मल में एफजीटी प्लांट का निर्माण डीवीसी प्रबंधन ने करवाया है। पर्यावरण के नये मापदंड के तहत कोयला से निकलने वाली सल्फर को हटाने के लिए 368 करोड़ की लागत से एफजीटी प्लांट लगाया गया है। एफजीटी प्लांट चालू हो जाने के बाद पावर प्लांट को सल्फर जैसे प्रदूषण कारकों से पूरी तरह से बोकारो थर्मल वासियों को मुक्ति मिल गयी। 16 दिन के शटडाउन के दौरान विशेषज्ञों के देखरेख में एफजीटी प्लांट के डक्ट से पावर प्लांट को कनेक्ट कर सिस्टम को चलाया गया। हालांकि एफजीटी प्लांट के डक्ट से पावर प्लांट को कनेक्ट में 16 दिन लग गया। वर्ष 2019 में तत्कालीन प्रोजेक्ट हेड कमलेश कुमार के अवधि में एफजीटी प्लांट का निर्माण कार्य शुरू बोकारो थर्मल में हुआ था। चार साल में इस प्लांट का काम पूरा हुआ। इधर, प्रोजेक्ट हेड एनके चौधरी ने एफजीटी डक्ट से पावर प्लांट को कनेक्ट करने की पुष्टि की है। कहा कि अगस्त माह से एफजीटी प्लांट पूर्णरूपेन से काम करना शुरू हो जाऐगा।
बोकारो थर्मल में हर्ष व्याप्तः
बोकारो थर्मल के समाजिक, राजनीतिक और डीवीसी कर्मियों में हर्ष व्याप्त है। यहां के वरीष्ठ समाजिक कार्यकर्ता जोगेंद्र गिरी, उप प्रमुख बिनोद कुमार साहू, गुलाब चंद्रा, अनुप अकेला ने कहा कि बोकारो थर्मल में प्रदूषण नियंत्रक प्लांट का चालू होने से 75 सालों छाई प्रदूषण की समस्या से झेल रहें लोगों को मुक्ति मिल गयी।