L19. झारखंड के पेयजल और स्वच्छता विभाग में भी कार्यरत हैं आरइओ के चीफ इंजीनियर रहे वीरेंद्र राम जैसे अधिकारी. पेयजल और स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता रहे निरंजन कुमार अब बन गये हैं अधीक्षण अभियंता पिछले 12 वर्षों से एक ही जगह जमे हैं. इनके भरोसे केंद्र प्रायोजित हर घर नल जल योजना, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम जैसी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता रहा है. पिछले तीन वर्षों से ये अधीक्षण अभियंता हैं. यानी पेयजल और स्वच्छता विभाग के रांची पूर्व, रांची पश्चिम, गुमला, खूंटी के सभी हर घर, नल जल योजना की निविदा अब यही निष्पादित कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि योजना के लिए निकाली जानेवाली निविदा को ये अधीक्षण अभियंता के रूप में स्वीकृत करते हैं, खुद कार्यपालक अभियंता की हैसियत से टेंडर निकालते हैं. फिर इनके कहने पर ही निविदा का कंपेरेटिव चार्ज भी तैयार किया जाता है. फिर तोल-मोल के आधार पर एल-1, एल-2, एल-3 कंपनी का चयन किया जाता है. काकस की तरफ से निविदा में संवेदक के चयन के लिए 13 फीसदी तक कमीशन लिये जाने की बातें सामने आ रही हैं. इतना ही नहीं संवेदक को पैसे का भुगतान करने के लिए भी 10 फीसदी तक की डीमांड की जाती है. यानी यह खेल काफी दिनों से चल रहा है. जब से ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के यहां इडी की छापेमारी की गयी है, तब से पेयजल और स्वच्छता विभाग में भी यह बातें काफी जोरों पर है कि इस काकस पर इडी की नजर कब पड़ेगी.